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दिग्विजय सिंह ने नही भरा नामांकन , दूसरे दलित अध्यक्ष होंगे खड़गे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर लगातार समीकरण बदल रहे हैं। कभी राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत तो कभी मध्यप्रदेश पूर्व सीएम और भोपाल से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का नाम सामने आया। नामांकन करने के लिए भी दिग्विजय सिंह को दिल्ली बुलाया गया।लेकिन अचानक गांधी खेमे के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम अध्यक्ष पद का आने के बाद सभी ने अपने पैर पीछे खींच लिए। अब मैदान में शशि थरूर और त्रिपाठी मैदान में हैं। अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस बार गांधी परिवार से कोई भी राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनेगा। वहीं खड़गे का नाम सोनिया गाँधी और प्रियंका गाँधी की अनुशंसा के बाद होना माना जा रहा है। अब यह तय हो गया है। दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र लिया था।दिग्विजय सिंह के अध्यक्ष का नामांकन पत्र जमा करने के लिए प्रदेश कांग्रेस ने विधायकों सहित कुछ नेताओं को दिल्ली बुलाया गया था। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आते ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दौड़ से बाहर हो गए। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ को सुबह साढ़े आठ बजे फोन कर बताया कि वे अब नामांकन पत्र दाखिल नहीं करेंगे। मैं उनका साथ दूंगा। प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने मुझे बताया कि खड़गे नामांकन भर रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता है और राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं इसलिए मैं नामांकन पत्र नहीं भरूंगा। प्रदेश से विधायकों को प्रस्तावक के लिए भेजने पर कहा कि मुझसे उन्होंने प्रस्तावक भेजने के लिए कहा था तो मैंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गोविन्द सिंह को कह दिया था। उन्होंने नाम चुनकर सूची दी थी और वे सभी पहुंच गए थे। खड़गे का नाम अचानक नहीं आया।
आपको बता दें अगर खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो वे कांग्रेस पार्टी के दूसरे दलित अध्यक्ष होंगे। इससे पहले जगजीवन राम कांग्रेस के अध्यक्ष थे। वे 1971 -72 में अध्यक्ष रहे है। मल्लिकार्जुन खड़गे की बात करें तो उनका राजनीतिक जीवन का अच्छा ख़ासा अनुभव है। वे 9 बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं। खड़गे बीजेपी की लहर के बावजूद कर्नाटक से जीते थे। हालाँकि इस बार वे राज्यसभा सांसद हैं। और उनको अच्छा अनुभव है। खड़गे के अध्यक्ष बनने पर कांग्रेस को दलित वोट का भी फायदा मिल सकता है।
MadhyaBharat
30 September 2022
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