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रूस का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को वीटो किया
रूस यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने यूक्रेन के करीब 15 प्रतिशत भाग पर कब्ज़ा कर जनमत संग्रह कराया। इस दौरान रूस में इसको लेकर सभा भी आयोजित की गई। जिसमे यूक्रेन में जनमत संग्रह में मौजूद रहे नेता भी पहुंचे। इसके साथ ही युद्ध विराम के लिए कहा गया है। इस दौरान रूस ने कड़े शब्दों में अमेरिका पर निशाना साधा। रूस ने यूक्रेन के क्षेत्रों के अधिग्रहण की निंदा करने वाले पश्चिमी देशों के एक प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो कर दिया। अमरीका और अल्बानिया ने सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव का मसौदा पेश किया था जिसमें रूस के जनमत संग्रह और यूक्रेन के डोनेट्स, लुहांस्क खेरसन और जापोरिजिया क्षेत्रों के अधिग्रहण की निंदा की गई थी। प्रस्ताव में रूस से मांग की गई थी कि वह यूक्रेन से तुरंत अपनी सेनाएं हटायें। 15 देशों की सदस्यता वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव पर मतदान किया लेकिन रूस के वीटो करने के कारण यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। परिषद के 15 सदस्य देशों में से दस ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि चार देशों- भारत, चीन, गेबन और ब्राजील ने मतदान में भाग नहीं लिया।संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रूचिरा कम्बोज के अनुसार यूक्रेन की हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत चिंतित है और उसका मानना है कि मनुष्यों की जीवन की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। भारत ने संबंधित पक्षों की ओर से हिंसा और द्वेष की सभी गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने के प्रयासों का आह्वान किया। भारत का मानना है कि मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए संवाद ही एकमात्र रास्ता है।
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