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उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि हिजाब पहनना इस्लाम की आवश्यक प्रथा नहीं
उच्चतम न्यायालय की दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में अलग-अलग राय दी है। शीर्ष न्यायालय के फैसले के मद्देनजर कर्नाटक में शिक्षण संस्थाओं में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध की अनुमति देने वाला उच्च न्यायालय का आदेश फिलहाल लागू रहेगा। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों का निपटारा करते हुए अपना फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि हिजाब पहनना इस्लाम की आवश्यक प्रथा नहीं है। उच्च न्यायालय ने राज्य के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति दी थी। इस मामले में आज फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति न्यायाधीश हेमन्त गुप्ता ने याचिकाओं को खारिज करते हुए हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को सही ठहराया है। दूसरी ओर, न्यायाधीश सुधांशु धूलिया ने अपीलों पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 के अनुसार हिजाब पहनना व्यक्तिगत इच्छा पर निर्भर है। खंडपीठ ने इस मामले में अलग-अलग राय होने पर यह मामला उचित दिशा-निर्देश के लिए प्रधान न्यायाधीश को भेजने का फैसला किया।
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