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पचास केंद्रीय विद्यालय "बालवाटिका" कार्यक्रम को प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू कर रहे
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में फाउंडेशनल स्टेज 2022 के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा का शुभारंभ किया। यह भारत में शिक्षा पद्धति के लिए पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण पद्धतियों के लिए दिशानिर्देशों के बारे में है। प्रधान ने इस अवसर पर कहा कि स्कूली विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति दो हजार बीस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत में शिक्षा नीति के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि यह पाठ्यक्रम देश में एकसमान और सुलभ शिक्षा के रूप में होगा। श्री प्रधान ने कहा कि यह रूपरेखा पहले पांच वर्षों में विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी। प्रधान ने आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में देश का प्रत्येक स्कूल राष्ट्रीय पाठ्यक्रम प्रारूप को लागू करेगा। उन्होंने इस अवसर पर केंद्रीय विद्यालयों के लिए बालवाटिका कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। प्रधान ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के पचास केंद्रीय विद्यालय आज से "बालवाटिका" कार्यक्रम को प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू कर रहे हैं। उन्होंने उत्तराखंड के चार हजार सरकारी स्कूलों में यह कार्यक्रम शुरू करने के लिए राज्य सरकार की सराहना की।
MadhyaBharat
20 October 2022
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