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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डी वाई चंद्रचूड़ को 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति यू0 यू0 ललित का स्थान लिया है, जो कल सेवानिवृत्त हो गए। शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि आम नागरिकों की सेवा करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वे रजिस्ट्री और न्यायिक प्रक्रियाओं में सुधार के लिए काम करेंगे। 1959 में जन्मे, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। इससे पहले उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की थी और अमरीका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम की डिग्री तथा न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, अमित शाह, राजनाथ सिंह और किरेन रिजिजू सहित कई केंद्रीय मंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति राष्ट्रपति भवन में मौजूद थे।न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने बुधवार, 9 नवंबर, 2022 को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह के दौरान उन्हें शपथ दिलाई. इससे पहले भारत के इतिहास में मुख्य न्यायाधीश के रूप में सबसे छोटे कार्यकाल की सेवा करने वाले भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित पद थे जिन्होंने 27 अगस्त 2022 को शपथ ली थी और जो 8 नवंबर 2022 को समाप्त हुआ है, उनसे पहले यह कार्यालय एन वी रमना के पास था.
MadhyaBharat
9 November 2022
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