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कुपोषण दूर करने जिले में शुरू हुआ पोषण तुंहर द्वार कार्यक्रम
कुपोषण दूर करने जिले में शुरू हुआ पोषण तुंहर द्वार कार्यक्रम

हाई रिस्क गर्भवती, शिशुवती व कुपोषित बच्चों को मिलेगा सप्ताह में 6 दिन गरम पौष्टिक भोजन

कलेक्टर कुन्दन कुमार ने जिले में कुपोषण दूर करने अभिनव पहल करते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत पोषण तुंहर द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम महिला एवं बल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही है। पोषण तुंहर द्वार में एनीमिक हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं, एनीमिक शिशुवती महिलाओं एवं 6 माह से 3 वर्ष तक के गंभीर कुपोषित बच्चों को सप्ताह में 6 दिन गरम पौष्टिक भोजन खिचड़ी एवं उबला अण्डा प्रदान करने की शुरूआत की जा रही है। आंगनबाड़ी अंगबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से एनीमिक गर्भवती और शिशुवती महिला की सास, आंगनबाड़ी केन्द्र या निर्धारित स्थल पर टिफीन में गर्म भोजन पौष्टिक खिचड़ी एवं अण्डा प्रदान किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पोषण व्यवहार परिवर्तन में परिवार एवं समाज की भूमिका को मजबूत करने का प्रयास हो रहा है। जिले में इसके लिए मयारू सास तथा सुपोषण गोठ को महत्वपूर्ण मानकर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। एनीमिक गर्भवती और शिशुवती महिला की सास या ससुर को जिम्मेदार बनाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र अथवा निर्धारित स्थल से गर्म भोजन, पौष्टिक खिचड़ी एवं उबला अण्डा उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में विभिन्न परिवार के सदस्यों को गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं एवं गंभीर कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही है जनसमुदाय में एनीमिक गर्भवती, शिशुवती महिला और गंभीर कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए जागरूक किया जा रहा है। 

MadhyaBharat 24 November 2022

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