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जहरीली शराब के अड्डों के सफाए के लिए प्रस्तावित उपायों का भी जायजा
बिहार में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मौके पर जांच के लिए अपना दल भेजने का निर्णय लिया है। आयोग जानना चाहता है कि इस त्रासदी में पीड़ित लोगों को कहां और किस प्रकार की चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। आयोग ने कहा है कि अधिकतर पीड़ित लोग गरीब परिवारों से हैं और निजी अस्पतालों में महंगा उपचार नहीं करवा सकते। आयोग ने कहा है कि राज्य सरकार को पीड़ितों को हर प्रकार की उपचार सुविधा देनी चाहिए। एक विज्ञप्ति में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि उनका दल राज्य सरकार की ओर से शुरू किये गए राहत और पुनर्वास कार्यों के बारे में भी जानना चाहेगा। आयोग राज्य के विभिन्न स्थानों पर चोरी छिपे बनाई जा रही जहरीली शराब के अड्डों के सफाए के लिए प्रस्तावित उपायों का भी जायजा लेगा। इससे पहले आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से इस घटना के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।
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