Since: 23-09-2009

  Latest News :
दिल्ली आबकारी नीति: एलजी ने अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए ईडी को मंजूरी दी.   अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर अगले सप्ताह देशव्यापी अभियान शुरू करेगी कांग्रेस.   उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भूस्खलन.   जयपुर एलपीजी टैंकर ब्लास्ट जांच के लिए एसआईटी का गठन.   रूस के कजान में यूक्रेन का ड्रोन हमला.   अनशनरत किसान नेता डल्लेवाल को अस्पताल में शिफ्ट करे पंजाब सरकारः सुप्रीम कोर्ट .   मुख्यमंत्री ने उज्जैन में यंग एंटरप्रेन्योर समिट-2024 में युवा उद्यमियों को किया संबोधित.   मध्य प्रदेश वर्ष 2025 तक बनेगा टीबी मुक्त राज्य : माेहन यादव.   देवास में सिलेंडर विस्फोट से लगी आग चार की मौत.   एमपी पीएससी ऑफिस के बाहर अभ्यर्थियों का धरना चौथे दिन भी जारी.   महाकाल मंदिर अन्नक्षेत्र की मशीन में दुपट्टा फंसने से महिला की मौत.   विदिशा- भोपाल रोड पर तेज रफ्तार बस और मिनी ट्रक की जाेरदार भिड़ंत.   जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ में यात्री बस की टैंकर से टक्कर.   एनआईए ने खूंखार नक्सली बांद्रा ताती को किया गिरफ्तार.   कांग्रेस विधायकों और स्वयं के गलत बर्ताव को छुपाने भूपेश बघेल ने झूठ बोला-भाजपा.   विस्फोटक व नक्सली साहित्य के साथ आठ नक्सली गिरफ्तार.   होम्योपैथी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर रोगों को ठीक करने में सक्षम : उपमुख्यमंत्री.   अनियंत्रित बस ने स्कूटी सवार काे राैंदा.  
पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे हैं ग्लोबल साउथ देश
bhopal,Global South countries, environmental challenges

भोपाल। विश्व में जलवायु परिवर्तन और असंतुलन, विकास के साथ उपजी विडम्बनाएं हैं। ग्लोबल साउथ देशों का इस असंतुलन में न के बराबर योगदान है, लेकिन इसके बावजूद वह देश इनसे निपटने के लिये महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे हैं। ग्लोबल साउथ भारत की आवाज है और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताएं भारत की प्राथमिकताएं हैं।

यह बातें भोपाल में आयोजित दो दिनी जी-20 के विशेष थिंक 20 कार्यक्रम के अंतिम दिन मंगलवार को हुई "ग्लोबल साउथ एण्ड ग्लोबल गवर्नेंस फॉर लाइफ" राउंड टेबल की अध्यक्षता करते हुए ऋषिहुड विश्वविद्यालय सोनीपत के मॉडरेटर और कुलपति प्रो. शोभित माथुर ने कही। पेनलिस्ट में सेंटर फॉर पॉलिसी डायलॉग बांग्लादेश के कार्यकारी निदेशक डॉ. फहमिदा खातून, नेशनल काउंसिल फॉर साइंटिफिक एण्ड टेक्निकल रिसर्च, अर्जेंटीना के सीनियर इन्वेस्टिगेटर डॉ. ग्लेडिस लेचनी, विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय विकास सहयोग, इंडोनेशिया के निदेशक डॉ. विस्नु उटोमो और पॉलिसी ब्रिज टैंक प्रोग्राम, साउथ अफ्रीका की लीड कोर्डिनेटर डॉ. पामला गोपॉल थे।

डॉ. फहमिदा खातून ने कहा कि राष्ट्रों के मध्य बने सहयोग और समन्वय से शासन के मुद्दे काफी महत्वपूर्ण हो गये हैं। सभी राष्ट्रों की आकांक्षाएं अलग-अलग होने से आम सहमति के लिये अक्सर एक चुनौती बन जाती हैं। पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिये इस पर ध्यान देने की जरूरत है। एक कुशल पर्यावरण प्रशासन प्रणाली स्थानीय समुदायों को शामिल करती है और सभी भागीदारों के बीच समझौतों को प्रोत्साहित भी करती है।

डॉ. ग्लेडिस लेचनी ने कहा कि मुख्य-धारा के अमेरिकी सिद्धांतों ने मुख्य रूप से धन के कारण लेटिन अमेरिकी विचारों और विकास की नीतियों को प्रभावित किया है। स्थानीय और दक्षिणी देशों की आवाज का निर्माण करना आज समय की आवश्यकता है। स्थानीय चुनौतियों का समाधान करने के लिये स्थानीय ज्ञान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जी-20 एक बहुपक्षीय मंच है जो इस दिशा में कार्य करता है। हमें आईपीएसए जैसे उपकरणों का उपयोग कर समाधान की ओर बढ़ना होगा। हम ऐसा नेतृत्व तैयार करना चाहते हैं, जो स्थायी उत्पादन और खपत में भी विश्वास रखता हो।

डॉ. पामला गोपॉल ने कहा कि शासन को सलाहकार सेवाएं प्रदान करने के लिये मौजूदा ज्ञान प्रणालियों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। हमें वित्तीय बाधाओं पर नजर रखने के साथ प्रक्रिया में एक वाहक के रूप में कार्य करने की भी आवश्यकता है। अफ्रीका वैश्विक मुद्दों पर एक मुखर और जिम्मेदार आवाज के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है। इसके साथ ही यह वैश्विक विकास प्रक्रियाओं में एक सक्रिय भागीदारी की भी आकांक्षा रखता है। विश्व के 55 देश में 1.4 बिलियन वाली आबादी वाला अफ्रीका वैश्विक स्तर पर मात्र 3 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन करता है। जी-20 सक्रिय जुड़ाव के लिये एक महत्वपूर्ण मंच है। भारत को अपनी अध्यक्षता से वैश्विक नैतिकता में अपना मत पुनर्स्थापित करना चाहिए।

कोरोना महामारी के बाद जीवन-शैली में परिवर्तन पर बोलते हुए डॉ. विस्नु उटोमो ने कहा कि इसने वैश्विक और आर्थिक बढ़ोत्तरी को प्रभावित किया है। पिछले 20 सालों में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण असंतुलन भी बढ़ा है। हमारी नीतियां, संकल्पों और तैयारियों को समाविष्ट करते हुए तैयार की जानी चाहिए। राष्ट्रों को मिल कर विश्व के तमाम ज्वलंत मुद्दों का समाधान निकालना चाहिए। पर्यावरणीय-संरक्षण के प्रति उत्तरदायी जीवन-शैली को प्रोत्साहन मिलना चाहिए।

MadhyaBharat 17 January 2023

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.