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कई लोगों के जेहन में यह सवाल है कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुके भारत ने आखिर इतने अहम मौके पर चीफ गेस्ट के तौर पर अल सिसी को ही क्यों चुना। भारत चाहता क्या है और इससे उसे क्या फायदा होगा। यहां हम कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब दे रहे हैं।कई लोगों के जेहन में यह सवाल है कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुके भारत ने आखिर इतने अहम मौके पर चीफ गेस्ट के तौर पर अल सिसी को ही क्यों चुना। भारत चाहता क्या है और इससे उसे क्या फायदा होगा। यहां हम कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब दे रहे हैं।इजिप्ट के सामने सबसे बड़ी मुश्किल उसकी खस्ताहाल इकोनॉमी है। हाल ही में उसने IMF से 3 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज लिया था। सऊदी अरब और UAE मजबूती से इजिप्ट के साथ खड़े हैं।रूस-यूक्रेन जंग की वजह से इजिप्ट में फूड क्राइसिस हुआ तो भारत ने 61 हजार टन गेहूं एक्सपोर्ट किया। सऊदी अरब ने हाल ही में मिस्र को 5 अरब डॉलर नए कर्ज के तौर पर दिए हैं।इजिप्ट की करंसी पाउंड में मार्च 2022 से अब तक 50% की गिरावट आई, लेकिन दोस्त मुल्कों ने उसे डिफॉल्ट नहीं होने दिया। महंगाई दर करीब 25% हो चुकी है। दिसंबर 2022 में विदेशी कर्ज 170 अरब डॉलर हो चुका था।दुनिया के देश इजिप्ट की खुलकर मदद इसलिए करते हैं, क्योंकि उसे भरोसेमंद मुल्क माना जाता है। आतंकवाद, ड्रग स्मगलिंग और कट्टरता के खिलाफ मिस्र बहुत सख्ती से कार्रवाई करता है।
MadhyaBharat
25 January 2023
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