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भीलवाड़ा/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भगवान देवनारायण ने ‘सबका साथ’ के माध्यम से ‘सबका विकास’ का मार्ग दिखाया था और आज देश उसी रास्ते पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश वंचित और उपेक्षित रहे हर तबके को सशक्त बनाने की कोशिश कर रहा है।
प्रधानमंत्री शनिवार को राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मालासेरी में भगवान श्री देवनारायण जी के 1111वें अवतरण महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने महोत्सव में शामिल होने को अपना सौभाग्य बताते हुए कहा कि यहां वे प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि एक तीर्थयात्री के तौर पर आए हैं जो भगवान श्री देवनारायण जी का आशीर्वाद लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “यहां आने वाले हर तीर्थयात्री की तरह, मैं राष्ट्र के निरंतर विकास और गरीबों के कल्याण के लिए भगवान श्री देवनारायण जी से आशीर्वाद मांगता हूं।” प्रधानमंत्री ने इससे पहले मंदिर दर्शन और परिक्रमा की और नीम का पौधा भी लगाया। उन्होंने यज्ञशाला में चल रहे विष्णु महायज्ञ में पूर्णाहुति भी की। भगवान श्री देवनारायण जी राजस्थान के लोगों द्वारा पूजे जाते हैं, और उनके अनुयायी देश भर में फैले हुए हैं। उन्हें विशेष रूप से सार्वजनिक सेवा के लिए उनके कार्यों के लिए याद किया जाता है।
भगवान श्री देवनारायण के 1111वें अवतरण दिवस के भव्य अवसर पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने पिछले एक सप्ताह से यहां हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गुर्जर समुदाय की सक्रिय भागीदारी का उल्लेख किया। उन्होंने समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति के प्रयासों की प्रशंसा की और उन्हें इस अवसर पर बधाई दी।
भारतीय चेतना के निरंतर प्राचीन प्रवाह का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत केवल एक भू-भाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति, सद्भाव और संभावनाओं की अभिव्यक्ति है। उन्होंने भारतीय सभ्यता के लचीलेपन के बारे में बात की क्योंकि कई अन्य सभ्यताएं बदलते समय के साथ खुद को ढाल नहीं पाईं और नष्ट हो गईं। मोदी ने कहा कि भारत को भौगोलिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से तोड़ने के तमाम प्रयासों के बावजूद कोई ताकत भारत को खत्म नहीं कर पाई।
आज का भारत केवल एक भू-भाग नहीं है बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति, सद्भावना और संभावनाओं की अभिव्यक्ति भी है। इसलिए भारत अपने गौरवशाली भविष्य की नींव रख रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ी प्रेरणा हमारे समाज की, देश के करोड़ों लोगों की शक्ति है।
उन्होंने कहा कि भारत अपने गौरवशाली भविष्य की नींव रख रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ी प्रेरणा हमारे समाज और देश के करोड़ों लोगों की शक्ति है। भारत की हजारों साल पुरानी यात्रा में समाज की ताकत के योगदान पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने उस ऊर्जा का उल्लेख किया जो इतिहास के प्रत्येक काल में समाज के भीतर से उत्पन्न होती है और सभी के लिए मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में कार्य करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान श्री देवनारायण ने हमेशा सेवा और जनकल्याण को प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री ने लोगों के कल्याण के लिए श्री देवनारायण की भक्ति और मानवता की सेवा के लिए उनकी पसंद को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “भगवान देवनारायण द्वारा दिखाया गया मार्ग ‘सबका साथ’ के माध्यम से ‘सबका विकास’ का है और आज देश उसी रास्ते पर चल रहा है।” उन्होंने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों से देश वंचित और उपेक्षित रहे हर तबके को सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है। हम ‘वंचितों को प्राथमिकता’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब गरीबों के लिए राशन की उपलब्धता और गुणवत्ता को लेकर भारी अनिश्चितता थी। उन्होंने कहा कि आज हर लाभार्थी को पूरा राशन मिल रहा है और मुफ्त मिल रहा है। आयुष्मान भारत योजना ने चिकित्सा उपचार के बारे में चिंता को दूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम आवास, शौचालय, गैस कनेक्शन और बिजली के बारे में गरीब वर्ग की चिंताओं को भी हल कर रहे हैं। इसीलिए आज राशन, इलाज मुफ्त मिल रहा है। गरीब को घर, टॉयलेट, गैस सिलेंडर को लेकर चिंता रहती थी उसको भी हम दूर कर रहे हैं। गरीबों के बैंक खाते खुल रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी की कीमत राजस्थान जितना कोई नहीं जानता। उन्होंने कहा कि आजादी के कई दशकों के बाद भी केवल 03 करोड़ परिवारों को उनके घरों में नल का पानी का कनेक्शन मिला था और 16 करोड़ से अधिक परिवारों को रोजाना पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता था। पिछले साढ़े तीन वर्षों में केंद्र सरकार के प्रयासों से, अब तक 11 करोड़ से अधिक परिवारों को पाइप से पानी पहुंचने लगा है। उन्होंने कृषि क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति के लिए देश में किए जा रहे समग्र कार्य का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के बारे में जानकारी दी, जिसके माध्यम से राजस्थान के किसानों के बैंक खातों में 15000 करोड़ रुपये सीधे स्थानांतरित किए गए हैं। उन्होंने कहा, “पारंपरिक तरीकों का विस्तार हो या सिंचाई के लिए नई तकनीकों को अपनाना, किसानों को हर कदम पर समर्थन दिया जाता है।”
भगवान देवनारायण के ‘गौ सेवा’ को समाज सेवा और सामाजिक सशक्तिकरण का माध्यम बनाने के अभियान का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने देश में गौ सेवा की बढ़ती भावना की ओर इशारा किया। उन्होंने खुरपका और मुंहपका रोग के लिए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना और राष्ट्रीय गोकुल मिशन का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, “पशुधन हमारी परंपरा और आस्था का ही नहीं बल्कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी मजबूत हिस्सा है। इसीलिए देश में पहली बार पशुपालकों के लिए भी ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ की सुविधा दी गई है। आज पूरे देश में ‘गोबर धन’ योजना भी चल रही है जोकि गोबर सहित खेती से निकलने वाले ‘कचरे को कंचन’ में बदलने का अभियान है।
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान पांच प्रणों को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने अपनी विरासत पर गर्व करने, गुलामी की मानसिकता को तोड़ने, राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए, स्वतंत्रता की शहादत को याद करने, सेनानियों और हमारे पूर्वजों द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के उद्देश्य को दोहराया। उन्होंने रेखांकित किया कि राजस्थान धरोहरों की भूमि है जहां कोई सृजन और उत्सव का उत्साह पा सकता है, जहां कोई श्रम में दान पा सकता है, जहां बहादुरी एक घरेलू अनुष्ठान है और भूमि रंगों और रागों का पर्याय है।
मोदी ने पाबूजी को तेजाजी, रामदेवजी को गोगाजी, महाराणा प्रताप को बप्पा रावल जैसे व्यक्तित्वों के उत्कृष्ट योगदान का उल्लेख किया और कहा कि इस भूमि के महान व्यक्तित्वों, नेताओं और स्थानीय देवताओं ने हमेशा देश का मार्गदर्शन किया है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से गुर्जर समुदाय के योगदान का उल्लेख किया जो हमेशा शौर्य और देशभक्ति का पर्याय रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र रक्षा हो या संस्कृति की रक्षा इस समाज ने हमेशा देश के प्रहरी की भूमिका निभाई है। उन्होंने क्रांतिवीर भूप सिंह गुर्जर का उदाहरण दिया, जिन्हें विजय सिंह पथिक के नाम से भी जाना जाता है, जिन्होंने प्रेरक बिजोलिया किसान आंदोलन का नेतृत्व किया। मोदी ने कोतवाल धन सिंह जी और जोगराज सिंह जी के योगदान को भी याद किया।
उन्होंने गुर्जर महिलाओं के शौर्य और योगदान को भी रेखांकित किया और रामप्यारी गुर्जर व पन्ना धाय को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे अनगिनत सेनानियों को हमारे इतिहास में वह स्थान नहीं मिल सका जिसके वे हकदार थे। लेकिन न्यू इंडिया पिछले दशकों की इन गलतियों को सुधार रहा है और भारत की विरासत की रक्षा करने वालों को सामने लाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने भगवान देवनारायण के संदेश और उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाने में गुर्जर समाज की नई पीढ़ी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह गुर्जर समुदाय को भी सशक्त करेगा और इससे देश को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। 21वीं सदी को राजस्थान के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री ने एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करने की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज पूरी दुनिया बड़ी उम्मीद से भारत की ओर देख रही है।” उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया में भारत के शक्ति प्रदर्शन से वीरों की इस भूमि का गौरव भी बढ़ा है। उन्होंने कहा, “आज भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर बेरोकटोक आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखता है और दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम करता है। हमें अपने संकल्पों को सिद्ध करके दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरना है।”
प्रधानमंत्री ने इस संयोग का उल्लेख किया कि भगवान देवनारायणजी के 1111वें वर्ष में जो एक कमल पर अवतरित हुए थे, भारत ने जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की, जिसके लोगो (प्रतीक चिन्ह) में पृथ्वी को ले जाने वाले कमल को भी दिखाया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मालासेरी दुगरी के प्रधान पुजारी हेमराज गुर्जर और सांसद सुभाष चंद्र बहेरिया सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
MadhyaBharat
28 January 2023
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