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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को भारत आने का न्योता भेजते हैं। यह न्योता मई में होने वाली शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन यानी SCO बैठक के लिए है। 12 साल में पहली बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत आ सकते हैं।पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने 16 दिसंबर 2022 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया। भुट्टो बोले, ‘ओसामा बिन लादेन मर चुका है पर बुचर ऑफ गुजरात जिंदा है और वो भारत का प्रधानमंत्री है। जब तक वो प्रधानमंत्री नहीं बना था तब तक उसके अमेरिका आने पर पाबंदी थी।’दरअसल, बिलावल ने यह बयान एक दिन पहले UNSC में जयशंकर के बयान के बाद दिया था। 15 दिसंबर को UNSC में जयशंकर ने कहा था, ‘जो देश अल-कायदा सरगना ओसामा बिन-लादेन का मेजबान हो सकता है और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला करवा सकता है, उसे UN में उपदेशक बनने की कोई जरूरत नहीं है।’भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव भरे माहौल के बीच 16 जनवरी 2022 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज का एक इंटरव्यू आता है। UAE के अरेबिया न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में शरीफ कहते हैं कि मैंने UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान से भारत और पाकिस्तान के बीच सुलह करवाने की गुजारिश की है। वो पाकिस्तान के दोस्त हैं और साथ ही उनके भारत से भी अच्छे संबंध हैं। वो दोनों देशों की बातचीत करवाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।मैंने जबान दी है कि हम पूरी शिद्दत से भारत से बात करेंगे। शाहबाज आगे कहते हैं कि हमने भारत के साथ 3 युद्ध लड़े। इससे लोगों को केवल गरीबी, बेरोजगारी ही मिली। हमने अपना सबक सीख लिया है। हम शांति के साथ रहना चाहते हैं। मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये संदेश देना चाहता हूं कि आइए साथ बैठते हैं और कश्मीर पर भी बात करते हैं।19 जनवरी को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शाहबाज शरीफ वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से पाकिस्तान के साथ सामान्य रिश्ते बनाए रखना चाहता है। हालांकि इस तरह के रिश्ते के लिए आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल होना जरूरी है। ऐसी बातचीत के लिए अमन का माहौल भी होना चाहिए। हमारा हमेशा से यही नजरिया रहा है।इसके बाद 25 जनवरी को भारत की ओर से पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को SCO बैठक में आने के लिए न्योता भेजा जाता है। SCO की विदेश मंत्री स्तर की बैठक मई में गोवा में होनी है। ये न्योता भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिए भेजा गया है।SCO में भारत और पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इस बैठक के लिए चीन और रूस समेत दूसरे मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों को भी न्योजा भेजा गया है। ऐसे में पाकिस्तान के विदेश मंत्री को न्योता भेजा जाना काफी सामान्य कदम लगता है, लेकिन सिर्फ इतना भर नहीं है।
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