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गौतम अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत पर साजिश के तहत हमला बताया है। ग्रुप ने 413 पन्नों का जवाब जारी किया। इसमें लिखा है कि अडाणी समूह पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। ग्रुप ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट का असल मकसद अमेरिकी कंपनियों के आर्थिक फायदे के लिए नया बाजार तैयार करना है।हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडाणी ग्रुप पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े आरोप लगाए गए थे।रिपोर्ट जारी होने के बाद गौतम अडाणी की नेटवर्थ 10% कम हो गई। फोर्ब्स के मुताबिक, अडाणी को नेटवर्थ में 1.32 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।अमीरों की लिस्ट में अडाणी चौथे नंबर से खिसकर 7वें पर आ गए थे। 25 जनवरी को उनकी नेटवर्थ 9.20 लाख करोड़ थी, जो 27 जनवरी को 7.88 लाख करोड़ रुपए पर आ गई थी।अडाणी ग्रुप के रिस्पॉन्स पर हिंडनबर्ग ने भी जवाब दिया है। हिंडनबर्ग ने कहा, "धोखाधड़ी पर इस तरह के जवाब या राष्ट्रवाद का पर्दा नहीं डाला जा सकता है। अडाणी ग्रुप हमारी रिपोर्ट को भारत पर सोचा-समझा हमला बता रहा है। अडाणी ग्रुप अपने और अपने चेयरमैन की बढ़ती हुई आय को भारत के विकास के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है। हम इससे सहमत नहीं हैं।हम मानते हैं कि भारतीय लोकतंत्र भिन्नताओं को समेटे हुए है। भारत एक उभरती हुई सुपर पावर है, जिसका शानदार भविष्य है। हम यह मानते हैं कि भारत के भविष्य को अडाणी ग्रुप ने पीछे खींच रखा है। जो खुद को देश के झंडे में लपेट कर लूट मचा रहा है। हम मानते हैं कि धोखा... धोखा ही होता है। भले ही यह दुनिया के सबसे ज्यादा अमीरों में शामिल किसी शख्स ने ही क्यों न किया हो। हमने 88 सवाल अपनी रिपोर्ट में पूछे थे और अडाणी ग्रुप इनमें से 62 सवालों के सही तरह से नहीं दिए हैं। इसने हमारी रिसर्च को दरकिनार करने की कोशिश की है।
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