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अपने फर्नीचर को दुकानों पर बिकते देखा होगा, लेकिन गुना जिला अस्पताल में इन दिनों फर्नीचर की दुकान सज गयी है। टीबी अस्पताल की बिल्डिंग से निकले स्क्रैप को यहां लाइन से लगाकर रख दिया गया है और उस पर लिख दिया गया- "यह सामान बिकाऊ है।" इसके नीचे संपर्क करने के लिए एक नंबर भी लिखा हुआ है। कायदे से स्क्रैप में निकले सामान की विधिवत नीलामी होती है, लेकिन यहां ऐसा न करके खुले में ही उसे बेंचा जा रहा है।दरअसल, जिला अस्पताल स्थित टीबी वार्ड की बिल्डिंग 60 वर्ष पुरानी हो गयी है। जिला अस्पताल में लगभग 60 साल पुराने टीबी वार्ड को गिराने का काम शुरू हो गया है। इसकी जगह अब क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाने की तैयारी है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार यह वार्ड तब बनाया गया था, जब टीबी के मरीजों को भर्ती करके उपचार किया वितरण जाता था। करीब 20 से 25 साल से टीबी के इलाज का तरीका पूरी तरह बदल गया। दवाएं भी बहुत बेहतर हो गई हैं। मरीजों को अस्पताल से निशुल्क दवा दी जाती है और वे घर पर ही इन्हें ले सकते हैं। इस बिल्डिंग का इस्तेमाल मरीजों की जांच व दवा वितरण के लिए ही किया जा रहा था।पिछले लगभग 20 दिन से टीबी अस्पताल की इस बिल्डिंग को गिराने का काम किया जा रहा है। इसका टेंडर जारी किया गया, हालांकि यह काम भी बहुत गुपचुप तरीके से किया गया और अस्पताल प्रबंधन ने अपने चहेतों को ही इस बिल्डिंग को गिराने का ठेका दे दिया। एभी यह स्पष्ट भी नहीं है कि बिल्डिंग को गिराने के बाद उसमे से निकले स्क्रैप को बेचने का टेंडर भी इसी ठेके में शामिल है या नहीं। अगर शामिल भी है तो किस प्रक्रिया के तहत स्क्रैप को बेचा जाना है।
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