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नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार को विपक्ष के अडानी मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर किए जा रहे हंगामे की वजह से मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पहले दो बजे और फिर दिनभर के लिए स्थगित की गई।
लोकसभा में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि परंपरा रही है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सबसे पहले धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की जाए। विपक्ष को यह परंपरा बनाए रखनी चाहिए। वे अपने विषयों को भी अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उठा सकते हैं। सदन का समय अमूल्य है और इसे नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। इसके बाद भी हंगामा नहीं रुकने पर पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
दूसरी ओर राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने भी सांसदों से यही अपील की। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद को चलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सदन में नियम और व्यवस्था के तहत ही चर्चा कराई जाएगी। सूचीबद्ध विषयों पर ही चर्चा कराई जा सकती है। विपक्ष से अपनी अपील के बाद उन्होंने कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले विपक्ष ने अपनी मांगों को लेकर अडानी समूह की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग को लेकर आज संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली जांच समिति ही भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी करने वाली कथित कंपनियों में करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डालने वाले निवेश के बारे में सच्चाई सामने ला सकती है।
आगे उन्होंने कहा कि इस संबंध में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई, जिन्होंने इस पर सहमति व्यक्त की है। विपक्ष अपने नोटिस पर संसद में चर्चा की मांग करता है। हम विस्तृत चर्चा के लिए तैयार हैं।
खड़गे ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि पहले इस मुद्दे पर चर्चा की जाए। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भी हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन पहली प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब की है।
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