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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ महमूद मदनी ने कहा है कि भाजपा और RSS से हमारा कोई धार्मिक मतभेद नहीं है, बल्कि वैचारिक मतभेद है। दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार को जमीयत के 34वें अधिवेशन में उन्होंने कहा- भारत जितना मोदी और भागवत का है, उतना ही मदनी का भी है।जमीयत चीफ ने कहा- हम RSS और उसके सर संघ चालक को न्योता देते हैं। आइए, आपसी भेदभाद और दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे को गले लगाएं और देश को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाएं। हमें सनातन धर्म से कोई शिकायत नहीं है, आपको भी इस्लाम से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।जमीयत चीफ ने कहा- हमारी नजर में हिंदू और मुसलमान बराबर हैं। हम इंसान के बीच कोई फर्क नहीं करते हैं। जमीयत की पॉलिसी रही है कि भारत के तमाम शहरी बराबर हैं, इनके बीच भेदभाव नहीं होना चाहिए। मदनी ने कहा कि यह भूमि मुसलमानों की पहली मातृभूमि है। यह कहना कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो बाहर से आया है, सरासर गलत और निराधार है। इस्लाम सभी धर्मों में सबसे पुराना धर्म है। मुसलमानों के लिए भारत सबसे अच्छा देश है, लेकिन यहां मुस्लिमों के खिलाफ नफरत और उकसावे के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हाल के दिनों में इस्लामोफोबिया काफी बढ़ गया है।मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड सिर्फ मुसलमानों का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह देश के अलग-अलग सामाजिक समूहों, समुदायों, जातियों और सभी वर्गों से संबंधित है। शनिवार को अधिवेशन में शामिल मौलवियों ने इस्लामोफोबिया, यूनिफॉर्म सिविल कोड, पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप, पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण, मदरसों का सर्वे, इस्लाम के खिलाफ गलत सूचनाएं और कश्मीर पर प्रस्ताव भी पारित किए।असम में बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को जमीयत-ए-उलमा-ए-हिंद का समर्थन मिला है। दिन पहले मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि ये बिल्कुल सही है, लेकिन ऐसे लग रहा है कि ये कार्रवाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ की जा रही है। इसे निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर समान नागरिक संहिता पर आम सहमति बनाने के लिए कुछ संजीदा कोशिशें की जा रही हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है।
MadhyaBharat
11 February 2023
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