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छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य को बचाने के लिए चल रहे आंदोलन में किसान नेता राकेश टिकैत की एंट्री हो गई है। टिकैत कल सरगुजा के हरिहरपुर में आयोजित किसान महा सम्मेलन में शामिल होने आ रहे हैं। इस सम्मेलन में प्रदेश के अलावा झारखंड और ओडिशा के भी कई संगठन शामिल होने वाले हैं।छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने बताया, राकेश टिकैत सोमवार सुबह 8 बजे दिल्ली से रायपुर पहुंचेंगे। उनके साथ किसान आंदोलन के कुछ और नेता भी यहां पहुंचने वाले हैं। यहां से वे सरगुजा के सड़क मार्ग से रवाना होंगे। हसदेव अरण्य में कोयला खनन परियोजनाओं के विरोध में स्थानीय आदिवासी ग्रामीण पिछले 10 वर्षो से आन्दोलन कर रहे हैं। अक्टूबर 2021 में हसदेव के ग्रामीणों ने वहां से रायपुर तक 300 किलोमीटर पदयात्रा कर मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाकात की थी।कोई कार्रवाई नहीं होने पर दो मार्च 2022 से ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। यह किसान महा सम्मेलन भी धरना स्थल हरिहरपुर में ही आयोजित है। ग्रामीणों का कहना है, अगर हसदेव का जंगल कट गया तो न सिर्फ जीवनदायनी हसदेव नदी सूख जाएगी बल्कि ऑक्सीजन का प्रमुख स्रोत भी ख़त्म हो जायेगा| पिछले 5 वर्षो में यहां 70 से ज्यादा हाथी और सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो चुकी है। प्रदेश के किसानों की हजारों हेक्टेयर फसल प्रतिवर्ष हाथियों द्वारा रौंदी जा रही है।पिछले साल हसदेव अरण्य क्षेत्र पर केंद्र सरकार के संस्थान “भारतीय वन्य जीव संस्थान” की एक रिपोर्ट आई थी। इसमें कहा है कि “यदि हसदेव में किसी भी खनन परियोजना को अनुमति दी गई तो बांगो बांध खतरे में पढ़ जायेगा, उसकी जल भराव की क्षमता कम हो जाएगी। खनन होने से छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी का संघर्ष इतना ज्यादा बढ़ जायेगा कि फिर उसे कभी नियंत्रित नही किया जा सकेगा”। इसके बाद भी इस क्षेत्र में खनन गतिविधियों को शुरू करने की जिद जारी है। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
MadhyaBharat
12 February 2023
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