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महाशिवरात्रि पर एक तरफ जहां शिवालयों में पूजा-पाठ करने लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे है। वहीं दूसरी ओर खंडवा में दलितों को शिवलिंग पर जलाभिषेक नहीं करने दिया। पुजारी ने दलितों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया। दलित समाज का कहना है कि हम पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित है। हम शिव की पूजा करते है। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने वहां पहुंचकर दलित समाज के युवक से जलाभिषेक करवाया। अब मंदिर पक्ष ने पंचायत बुलाई है। वहीं दलित समाज के लोगों ने भी पुजारी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करते हुए थाने को घेरने की चेतावनी दी है।मामला प्रदेश के वनमंत्री विजयशाह की हरसूद विधानसभा के गांव बैलवाड़ी का है। गांव में दलित पक्ष से प्रशांत पाचोले का कहना है कि शनिवार सुबह 6 बजे कोटवार हुकुमचंद का बेटा सुमेश शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए मंदिर पहुंचा। यहां पुजारी जगराम पंवार ने उसे मंदिर के अंदर जाने से रोक दिया। कहा- तुमको भीतर के बजाय बाहर से पूजा करनी चाहिए। पुजारी ने सुमेश को मंदिर से बाहर कर दिया। सुमेश बाहर से ही पूजा करके लौट गया।इसके बाद समाज की कुछ लड़कियां भी सुबह 9 बजे मंदिर पहुंचीं, तो उन्हें भी बाहर रोक दिया। लड़कियों ने भी घर आकर रोना शुरू कर दिया। लड़कियों की जिद थी कि वो मंदिर में जाकर ही पूजा करें। प्रशांत के मुताबिक सभी लोग इकट्ठा होकर मंदिर पहुंच गए। डायल 100 को सूचना देकर पुलिस को बुलाया। हरसूद टीआई अंतिम पंवार भी पुलिस बल के साथ पहुंचे। थाने में केस दर्ज नहीं किया गया है।पुजारी जगराम पंवार ने पुलिस को बताया कि दलित समाज ने अभी तक शिव मंदिर के बाहर ही पूजा-पाठ की है। वर्षों से यही परपंरा चली आ रही है। उन्होंने अपनी ओर से कभी मंदिर के अंदर आकर पूजा करने का प्रस्ताव नहीं रखा है। अब अचानक वे मंदिर में घुसेंगे, तो परमिशन तो लेना पड़ेगी। हम लोग गांव की पंचायत बैठाकर फैसला लेंगे। मंदिर के निर्माण में भी उन्होंने चंदा नहीं दिया है।
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