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मप्र में साइबर ठगों के निशाने पर आईएएस
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भोपाल । मध्य प्रदेश में इन दिनों भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी साइबर ठगों के निशाने पर हैं। बीते दो दिन में प्रदेश के छह कलेक्टरों के नाम पर ठगी करने की कोशिश की गई है। इनमें जबलपुर, धार, सिवनी, उमरिया, शहडोल और शिवपुरी के कलेक्टर शामिल हैं। जबलपुर कलेक्टर के नाम पर तो 25 हजार रुपये की ठगी भी हो गई है। फिलहाल साइबर सेल सभी मामलों की जांच में कर रही है।

 

 

 

जानकारी के मुताबिक, जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के नाम पर ठगी बुधवार को हुई। साइबर ठगों ने +9989542 229570 वाट्सएप नंबर पर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना की फोटो लगाई और उनके कई रिश्तेदारों को मैसेज किया। मैसेज में लिखा है कि मैं जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना बोल रहा हूं। पहचान गए होंगे मुझे आप। मुझे अचानक ही 25000 की जरूरत पड़ गई है। क्या? आप मेरी मदद कर देंगे। कलेक्टर के एक रिश्तेदार ने झांसे में यूपीआई के जरिए 25000 रुपए ट्रांसफर कर दिए गए। जब कलेक्टर सक्सेना को ठगी का पता चला तो उन्होंने फर्जी फेसबुक आईडी ब्लॉक कर आरोपी की तलाश के निर्देश साइबर सेल को दिए। कलेक्टर ने अपनी फेसबुक आईडी पर फेक लिखते हुए कहा है कि अज्ञात नंबर से उनकी प्रोफाइल फोटो लगाकर लोगों से संपर्क किया जा रहा है। जिससे लोगों को धोखा हो रहा है। उन्होंने कहा है कि इन नंबरों का कलेक्टर जबलपुर से कोई संबंध नहीं है। नंबर फर्जी हैं।

 

 

 

बुधवार को ही शिवपुरी कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के नाम से बने फर्जी व्हाट्सएप‎ अकाउंट से भोपाल में पदस्थ एवं तत्कालीन शिवपुरी एडीएम ‎विवेक रघुवंशी के पास मैसेज पहुंचा। हाय, हलो का मैसेज‎ दूसरे व्हाट्सएप नंबर से मिला तो एडीएम रघुवंशी ने तुरंत ‎कलेक्टर चौधरी से उनके व्यक्ति नंबर पर संपर्क किया। इस पर शिवपुरी कलेक्टर ने कहा कि‎ उन्होंने दूसरा कोई व्हाट्सएप अकाउंट नहीं बनाया है। मेरे नाम से किसी‎ ने फर्जी व्हाट्सऐप अकाउंट बना लिया है।‎ यदि किसी को मैसेज रिसीव होता है तो ‎तुरंत रिपोर्ट करें और नंबर को ब्लॉक कर‎ दें।‎

 

 

 

इसी तरह शहडोल कलेक्टर तरुण भटनागर के नाम से फर्जी व्हाट्सएप से लोगों से पैसों की डिमांड की गई। यह मामला जब कलेक्टर के सामने आया तो उन्होंने ने लोगों से विशेष अपील की। शहडोल कलेक्टर भटनागर ने फर्जी व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से पैसों की डिमांड करने के मामले में संज्ञान लेकर सोशल मीडिया पर हुई चैटिंग पोस्ट की और जिले के नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई मैसेज आता है तो सतर्क रहें। उनकी बातों में नहीं आए। अपने बैंक खाता एवं पहचान से संबंधित जानकारी बिल्कुल भी साझा ना करें। इसकी जानकारी कलेक्टर ने जनसंपर्क विभाग में भी साझा की। उन्होंने मामले की शिकायत एसपी कुमार प्रतीक से की। इसके बाद पुलिस का साइबर सेल एक्टिव हो गया है। वहीं, जिस नंबर से कलेक्टर के नाम से वह फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट एक्टिवेट किया गया है, उसकी जांच की जा रही है।

 

 

 

उमरिया कलेक्टर धरणेन्‍द्र कुमार जैन के नाम से भी फर्जी वाट्सएप नंबर के माध्यम से पैसों की डिमांड की जा रही है। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की है कि अगर उस नंबर से कोई मैसेज आता है तो सतर्क रहें। अपने बैंक खाता और पहचान से संबंधित जानकारी साझा न करें। कलेक्टर ने कहा कि ऐसे किसी भी तरह के भ्रामक कॉल आने पर बिना सोचे समझे कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं करें। जिले में एसपी निवेदिता नायडू के निर्देशन में साइबर अपराध को लेकर के जन जागरूकता के कार्यक्रम भी लगातार चलाए जा रहे हैं।

 

 

 

इधर, 7 अगस्त को ही धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के नाम से व्हाट्सएप पर अकाउंट बनाने का मामला सामने आया है। जिसमें अज्ञात व्यक्ति ने कलेक्टर के फोटो का उपयोग करके कुछ मैसेज भी किए हैं। जब यह बात कलेक्टर मिश्रा तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल जनसंपर्क के माध्यम से जिले में अलर्ट जारी करवाया गया है। इसके साथ ही पूरे मामले की सूचना साइबर क्राइम ब्रांच को दी गई है। जानकारी के अनुसार व्हाट्सऐप पर फोन नंबर (94785265198) पर कलेक्टर मिश्रा का फोटो लगा हुआ है। इसके साथ ही नंबर पर नाम आईएएस मिश्रा लिखा हुआ है। जिसके बाद कुछ लोगों को इससे मैसेज भी किए गए। कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी से सावधान रहे। पैसे ट्रांसफर करने के मैसेज की रिपोर्ट करें।

 

 

 

वहीं, दो दिन पहले सिवनी कलेक्टर संस्कृति जैन के नाम से फर्जी वॉट्सएप अकाउंट बनाकर पैसों व गिफ्ट की मांग की गई थी। घटना के बाद कलेक्टर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सफाई देनी पड़ी और जिले के नागरिकों से अपील की कि वे इस तरह के फ्रॉड से सतर्क रहें। सभी मामलों में साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस टीम जांच कर रही है। साथ ही साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने लोगों को जागरुक करने के लिए एडवाईजरी भी जारी की है।

 

 

 

बता दें कि इससे पहले साइबर ठगों ने प्रदेश के मंत्रियों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हाल ही में मंत्री रामनिवास रावत और मंत्री राजेंद्र शुक्ला और राकेश सिंह के नाम से मैसेज भेजकर ठगी की कोशिश की गई थी।

 

MadhyaBharat 8 August 2024

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