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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान विधायक जीतू पटवारी को बजट सत्र की शेष अवधि की कार्यवाही से निलंबित करने के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोंक-झोक हुई। भारी हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम में सदन की कार्यवाही को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
मप्र विधानसभा में बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को सत्र की बाकी अवधि से निलंबित कर दिया था। पटवारी के विरुद्ध हुई कार्यवाही के विरोध में कांग्रेस पूरी तरह से उनके साथ खड़ी हो गई। गुरुवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई। इसमें अध्यक्ष की कार्यवाही को अलोकतांत्रिक बताते हुए उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया गया।
शुक्रवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि हमने अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव दे दिया है। इसकी स्वीकार्यता को लेकर चर्चा कराई जाए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पहले हमारी बात भी सुन ली जाए, इसके बाद ही कोई बात हो। कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा ने कहा कि हमें अध्यक्ष पर विश्वास नहीं है, इसलिए उन्हें आज से ही नैतिकता के आधार पर छोड़ देनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर किताब फेंककर मारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सदन में मैं स्पीकर से पूछ रहा था कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कब कराएंगे? इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नियम संचालन पुस्तिका मेरी ओर जोर से फेंककर मारी। हम संसदीय कार्यमंत्री के विरुद्ध अवमानना प्रस्ताव लाएंगे। इस प्रकार के मंत्री को सदन में बैठने का अधिकार नहीं है। नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मैंने किताब नहीं मारी। मैं चपरासी को हटा रहा था।
सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी और हंगामे के चलते पहले सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल की समाप्ति तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो फिर से विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच ही मंत्रियों ने पत्रों को पटल रखा। इस दौरान कांग्रेस के विधायक एकत्रित होकर अध्यक्ष के सामने पहुंच गए और जोर-शोर से नारेबाजी करने लगे।
कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार बजट सत्र चलाना ही नहीं चाहती है। यही कारण है कि हंगामा कराया जा रहा है। बजट को बिना चर्चा ही पारित कराने का षड्यंत्र किया जा रहा है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन में अध्यक्ष की कोई भूमिका ही नहीं है। प्रस्ताव उन्होंने स्वयं रखा था। सदन में बहुमत के आधार पर निर्णय किया है। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नियम प्रक्रिया से है हम अपनी बात रखें फिर विपक्ष अपनी बात रखे, इस दौरान उन्होंने एक मार्शल को हटाए जाने को लेकर इशारा किया तो विपक्ष के सभी सदस्य खड़े होकर विरोध जताने लगे। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि मेरे सामने अभी अविश्वास प्रस्ताव नहीं आया है। जब आएगा, तब देखेंगे। भारी हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया।
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के दौरान संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन से बाहर आकर मीडियाकर्मियों से बातचीत में इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर तंज किया। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व विधायक कमलनाथ जी ने दस्तखत ही नहीं किए। प्रस्ताव में आधे विधायकों के भी हस्ताक्षर नहीं है। बेचारे जीतू पटवारी को कांग्रेस ने अकेला छोड़ा।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि कल ही हमारे नेता कमलनाथ ने सभी विधायकों के साथ बैठक करके सामूहिक रूप से यह तय किया था कि नेता प्रतिपक्ष और विधायक अविश्वास प्रस्ताव देंगे। नियम 10% सदस्यों के हस्ताक्षर से प्रस्ताव देने का है, उससे कई गुना ज्यादा विधायकों को हस्ताक्षर करके प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। भाजपा शुरू से ही गुमराह करती है। पूरी पार्टी एकजुट है और सरकार की तानाशाही का डटकर मुकाबला करेगी।
MadhyaBharat
3 March 2023
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