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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों के मुद्दों की गूंज रही। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने स्थगन प्रस्ताव देकर अनुकंपा नियुक्ति को लेकर धरने पर बैठी महिलाओं के मुंडन कराने का मामला जोरशोर से उठाया। सफाई कर्मचारियों के मांगों पर भी विपक्ष ने स्थगन पर चर्चा की मांग की। उपाध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया, जिसके बाद विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
शिव रतन शर्मा ने कहा कि प्रदेश की एक लाख से ज्यादा कर्मचारी जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, संविदा कर्मी व अनियमित कर्मचारी हैं हड़ताल पर हैं। सभी केंद्रों में ताला लटका हुआ है। सरकार स्वपोषण की बात करती है, केंद्रों में किसी प्रकार का भी पोषण नहीं दिया जा रहा है। वहीं विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि इतने लंबे समय से कर्मचारी हड़ताल पर हैं, आप इनका वेतन क्यों नहीं बढ़ा रहे हैं। इसी के साथ विधायक पुन्नू लाल मोहले, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, रंजना डिपेंद्र साहू, धरमलाल कौशिक, सौरभ सिंह ने स्थगन प्रस्ताव देकर चर्चा की मांग की।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमाेहन अग्रवाल ने कहा कि विधवा महिलाएं अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपना सिर मुंडवा रही हैं। यही कांग्रेस सरकार को भस्म करेंगी। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि महिलाएं बच्चों समेत हड़ताल पर बैठे हैं। उनका हाल जानने सरकार की तरफ से कोई भी नहीं गया और न ही हल निकालने की कोई कोशिश हो रही है। सभी ने स्थगन देकर चर्चा की मांग की। विस उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया, जिस पर विपक्ष एक साथ खड़े होकर जमकर नारेबाजी करने लगे। उपाध्यक्ष ने पांच मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
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