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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रांतीय अध्यक्ष ने पंचायत संचालनायल और संचालक कृषि विभाग को पत्र लिखकर बताया कि पंचायत सचिवों का शासकीयकरण नहीं करने के कारण गोबर खरीद कार्य नहीं करने का निर्णय सचिव संघ ने लिया है। बजट में संविदा पर कार्यरत सचिवों की अनदेखी से नाराज होकर यह निर्णय लिया गया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष तुलसी साहू ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में कार्यरत प्रदेश पंचायत सचिवों को दिए गए आश्वासन को अमल नहीं करते हुए बजट 2023-24 में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण के विषय में किसी भी प्रकार का प्रावधान नहीं किया गया। इससे पंचायत सचिव संगठन में मायूसी और खासी नाराजगी है। इसके चलते निर्णय लिया गया है, कि प्रदेश के किसी भी ग्राम पंचायत में पंचायत सचिवों के द्वारा गोबर खरीद कार्य नहीं करेंगे।
इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों तुलसी साहू ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव को शासन की तरफ से नियमित नहीं किया गया है। जिसको लेकर पंचायत सचिवों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। कोरोना के समय 16 महीने के दौरान 73 पंचायत सचिवों की कोरोना से मौत हो गई और 04 पंचायत सचिवों ने आत्महत्या कर ली। उनके परिवार को शासन द्वारा किसी प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की गई है। आत्महत्या करने वाले सचिव के परिजनों को 50 हजार रुपये अनुग्रह राशि के बजाय शासन ने 25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि दी है।
पंचायत सचिव संघ का कहना है कि कोरोना काल के दौरान पंचायत सचिवों ने अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना के खिलाफ जंग में सरकार का साथ दिया। राज्य सरकार की तरफ से कोरोना टीकाकरण अभियान में सौ फीसदी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पंचायत सचिव संघ ने अपना योगदान दिया। इसके अलावा सरकार की कई योजनाओं को धरातल पर सफल बनाने के काम में पंचायत सचिव संघ मदद करता है, लेकिन अब सरकार की तरफ से उनको तवज्जो नहीं दी जा रही है इसलिए संघ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए गोबर खरीदी नहीं करने का निर्णय लिया है।
MadhyaBharat
9 March 2023
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