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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेताओं ने राज्यपाल के अभिभाषण पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। विधानसभा में विपक्षी भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि बजट सत्र के पहले दिन सदन में राज्यपाल का अभिभाषण कुछ हुआ और हम लोगों के बीच अभिभाषण की कॉपी जो वितरित की गई उसमें विवरण अलग है। यह सीधे-सीधे मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव एवं सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है।
इस मुद्दे पर विपक्ष एवं सत्ता पक्ष दोनों तरफ से हंगामे के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। जिसके चलते सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए रोकनी पड़ी। भाजपा विधायकों ने विशेषाधिकार हनन करने के आरोप लगाए।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि अंग्रेजी में अलग और हिंदी में अलग है। अभिभाषण, अंग्रेजी में कम और हिंदी में अभिभाषण का पैराग्राफ अधिक है। विधायकों को राज्यपाल के अभिभाषण की कॉपी जो उपलब्ध कराई गई उसमें अलग बात लिखी है और राज्यपाल से यहां सदन में जो कहलवाया गया उसमें कुछ और बात थी। राज्यपाल ने सदन में जो कहा वह विधानसभा के रिकार्ड में दर्ज हो चुका है। इस तरह का विरोधाभास सामने होना किसी संवैधानिक संकट से कम नहीं। इस संबंध में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की सूचना दी गई है, जिस पर तत्काल चर्चा कराई जानी चाहिए।
वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ऐसी घटना देश के संसदीय इतिहास में पहली बार घटी होगी। राज्यपाल की जिस अभिभाषण पर स्वीकृति ही नहीं है उसे यहां बंटवा दिया गया है। राज्यपाल की अनुमति के बाद ही विधानसभा सत्र बुलाने की अधिसूचना जारी होती है। उनके साथ यहां इतना बड़ा फ्राड हो गया। अग्रवाल के इस कथन का विरोध करते हुए सत्ता पक्ष के विधायक शोर मचाने लगे।
मंत्री शिव डहरिया ने जवाब देते हुए कहा कि हमने आरक्षण पर वो लाइनें रखी हैं, भाजपा क्या आरक्षण का विरोध कर रही।नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा में कानून बनाता है, पढ़ने के लिए राज्यपाल को अलग कॉपी दी है।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने भाजपा विधायकों की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि जिस तरह आरक्षण का विरोध कर रहे हैं उससे आने वाले समय में आप लोगों को सड़क में खड़े रहने की भी जगह नहीं मिलेगी। भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि राज्यपाल ने 42वें नंबर की जो कंडिका पढ़ी उसमें कुछ और बात लिखी थी और यहां हम लोगों को अभिभाषण की जो कॉपी उपलब्ध कराई गई है उसमें कुछ और बात लिखी है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि विधानसभा वह जगह है जहां नये कानून तय होते हैं। ऐसे स्थान पर राज्यपाल से कुछ कहलवाने और उनके अभिभाषण की कॉपी कुछ और बंटवाने जैसा कृत्य पूरे हिन्दुस्तान में कहीं नहीं हुआ होगा। इसे बाद जैसे ही बृजमोहन अग्रवाल ने कुछ बोलना शुरु किया सत्ता पक्ष के विधायक फिर शोर मचाने लगे। शोरगुल नहीं थमते देख विधानसभा उपाध्यक्ष संत राम नेताम को सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि विपक्ष की तरफ से विशेषाधिकार हनन की जो सूचना मिली है उसे स्पष्टीकरण के लिए शासन को भेज रहा हूं।
MadhyaBharat
13 March 2023
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