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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल में भाजपा सदस्यों ने चिटफंड कंपनियों में फंसे पैसे का मुद्दा उठाया। भाजपा सदस्याें ने चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई और निवेशकों की राशि वापसी पर स्थगन दिया। आसंदी के स्थगन अग्राह्य करने के बाद भी भाजपा चर्चा की मांग पर अड़े रहे। हंगामे को देखते हुए आसंदी ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक शिवरतन शर्मा ने शून्यकाल की सूचना देते हुए कहा कि चिटफंड कंपनी में प्रदेश के लाखों निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में निवेशकों का पैसा वापस करने का वायदा किया था। अब तक मात्र 32 करोड़ ही वापस हुए, लेकिन सरकार कार्रवाई के नाम पर बंदरबांट कर रही है। हजार करोड़ की राशि अभी तक वापस नहीं हुआ है। इसी के साथ अजय चंद्राकर, सौरभ सिंह, डॉ. बांधी, रंजना डिपेंद्र साहू, रजनीश, प्रमोद कुमार, डमरूधर पुजारी, पुन्नूलाल मोहले ने लाखों निवेशकों का पैसा चिटफंड में फंसे होने की और वापसी को लेकर सदन में चर्चा की मांग की। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार ने प्रदेश भर में कंपनियों को जमीन बेची गई, इसके बावजूद निवेशकों का पैसा वापस नहीं किए जा रहे हैं।
इस बीच शून्यकाल में मंत्रियों के टोका-टोकी करने पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई। मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि प्रश्न सरकार से है तो जवाब सरकार देगी, गलत बोलेंगे तो हस्तक्षेप करना होगा। विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने घोषणापत्र में निवेशकों का पैसा वापस करने का संकल्प लिया है, सरकार को निवेशकों का पैसा वापस करना चाहिए। इसकी सरकार व्यवस्था करे। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सहारा कंपनी में तीन हजार करोड़ निवेशकों का फंसा है। सरकार जांच कराए, इस पर स्थगन देकर चर्चा कराने की मांग की। सभापति लखेश्वर बघेल ने कहा कि इसके पहले काफी चर्चा हो चुकी है, यह सूचना अग्राह्य किया जाता है। इस पर भाजपा सदस्यों ने चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने हंगामें को देखते हुए सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।
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