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मप्र विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
bhopal, MP Assembly ,adjourned indefinitely

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के विरुद्ध नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह सहित कांग्रेस के 48 विधायकों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सदन में अस्वीकृत हो गया। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही बजट सत्र का तय अवधि से 6 दिन पहले ही समापन हो गया। मंगलवार को सदन में बजट भी पारित हो गया।

 

 

मध्य प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के 12वें दिन मंगलवार को प्रश्नकाल से सदन की कार्यवाही शुरू हुई। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आज प्रश्नकाल महिलाओं को समर्पित रहा। शून्यकाल में विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ प्रस्तुत अविश्वास पर चर्चा की मांग की।

भोजनावकाश से पहले विधानसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 27 मार्च की तारीख दी, लेकिन भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा द्वारा जो प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, वह विधिसंगत नहीं है, इसलिए इसे अस्वीकृत किया जाए। सत्तापक्ष के सदस्यों ने इसका समर्थन किया। कुछ देर बाद अध्यक्ष ने इस पर मतदान कराया, जिसमें ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया।

 

अविश्वास प्रस्ताव पर सदन का निर्णय आने के बाद संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने प्रस्ताव रखा कि बजट की अनुदान मांगों को एक साथ पारित कराया जाए। विधानसभा अध्यक्ष की स्वीकृति मिलते ही वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सभी अनुदान मांगों को एक साथ प्रस्तुत किया।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हम इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं और कांग्रेस विधायक दल ने बहिर्गमन कर दिया। बजट की अनुदान मांगें पारित होने के बाद विधानसभा स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। इसके साथ ही तय समय 27 मार्च से छह दिन पहले विधानसभा का बजट सत्र खत्म हो गया।

 

 

उधर, सदन के बाहर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमारा प्रस्ताव बिल्कुल सही था। हमने अविश्वास संकल्प ही प्रस्तुत किया था। यह सरकार कुछ सुनना नहीं चाहती है। लोकतांत्रिक तरीके से सदन की कार्यवाही संचालित नहीं की जा रही है। बजट अनुदान मांगों पर चर्चा न कराकर एक साथ सभी विभागों की मांगों को पारित कराया जा रहा है।

 

 

इससे पहले आज आज सदन में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के विरुद्ध कांग्रेस के 48 विधायकों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक हुई। नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने कहा कि हमने जो प्रस्ताव दिया है, उस पर विचार किया जाए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि नियमानुसार अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया ही नहीं जा सकता है। नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास संकल्प ही आता है, इसलिए नियम अनुसार यह प्रस्ताव ही गलत है। सदन नियम प्रक्रियाओं और परंपराओं से चलता है।

 

 

इस पर अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए कहा कि कार्य संचालन नियम के अनुसार प्रस्ताव निर्धारित समय से नहीं मिला, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास संकल्प ही लाया जा सकता है, इस सबके बाद भी मैं इसे सदन में स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए 27 मार्च की तारीख नियत करता हूं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री और लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि भले ही आपने (अध्यक्ष) उदारता दिखाते हुए इसे स्वीकार कर लिया हो, पर इससे गलत परंपरा स्थापित हो जाएगी, जो नहीं होना चाहिए क्योंकि नियमों में इसका प्रावधान नहीं है।

 

 

कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा बाला बच्चन सहित अन्य सदस्यों ने कहा कि जब अध्यक्ष ने व्यवस्था दे दी है तो फिर उस पर आपत्ति कैसे उठाई जा सकती है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मैंने पहले व्यवस्था का प्रश्न उठाया है, इसलिए उस पर व्यवस्था आनी चाहिए। अध्यक्ष ने फिर कहा कि मैंने अध्यक्ष का पद ग्रहण करने के पूर्व कहा था कि मेरे पूर्ववर्ती अध्यक्षों ने जो उच्च मापदंड स्थापित किए हैं, उसे खरोंच तक नहीं आने दूंगा, इसलिए मैंने यह निर्धारित किया है। फिर भी सदन चाहे तो इस पर निर्णय कर सकता है। इसके बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तीन बजे तक स्थगित कर दी गई थी।

 

 

पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने भी कहा कि संकल्प नियमों के विपरीत हो, तो उस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती। पहले दिन और अंतिम दिन चर्चा नहीं हो सकती। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि सदन में संसदीय कार्यमंत्री ने झूठ बोला। हमने संकल्प दिया था। कुल मिलाकर इनको हाउस नहीं चलाना है। कोई न कोई बाहना चाहिए।

वहीं, कांग्रेस विधायक संजय यादव ने कहा कि आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को अपना भाषण देना था, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री नहीं चाहते थे कि मुख्यमंत्री यहां भाषण दें। इसीलिए उन्होंने खड़े होकर बोल दिया कि अब मांगों पर बात नहीं हो पाएगी, सेकंड लास्ट दिन है। हम लोग इसीलिए वॉकआउट कर बाहर आ गए। हम तो चाह रहे थे कि 27 तारीख को भी सदन चले।

MadhyaBharat 21 March 2023

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