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धमतरी। पंचायत सचिव संघ अपनी एकसूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण की मांग को लेकर बीते 16 मार्च से हड़ताल पर हैं। 22 मार्च को भी पंचायत सचिव धरना में बैठे रहे। सचिवों ने अपनी मांगों को लेकर गांधी मैदान में आवाज नारेबाजी की। धमतरी, मगरलोड, कुरुद व मगरलोड में ब्लाॅक स्तर पर प्रदर्शन जारी है।
संघ के सदस्य भूपेश सिन्हा ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं की जाती तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। लंबे समय से संघ द्वारा शासयकीकरण की मांग की जा रही है जिसे शासन द्वारा अनसुना किया जा रहा है। सचिवों की हड़ताल पर चले जाने से ग्राम पंचायतों का कामकाज ठप है। संघ के पदाधिकारी श्यामलाल विश्वकर्मा, श्वेता गुप्ता, चुन्नीलाल साहू, सुभाष साहू, रामाचरण साहू, घनश्याम साहू, अभिषेक तिवारी ने बताया कि पंचायत सचिवों की एकसूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण की घोषणा नहीं करने के कारण प्रदेश पंचायत सचिव संघ के आव्हान पर वे 16 मार्च से काम बंद, कलम बंद हड़ताल पर हैं।
सदस्यों ने बताया कि विभिन्न ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सचिवों का बजट 2023-24 में शासकीयकरण करने पंचायत मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था, किंतु बजट में पंचायत सचिव के शासकीयकरण के संबंध में कोई पहल नहीं होने से पंचायत सचिवों में रोष व्याप्त हैं। इससे आक्रोशित सचिवों ने आंदोलन की राह पकड़ी है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। धरना प्रदर्शन में संघ के सदस्य भूपेश सिन्हा, श्रीराम सिन्हा, ओंकारप्रसाद साहू, जीवनलाल साहू, अशोक साहू, केशवराम साहू, होरीलाल साहू, दधिचि अग्रवाल, खेमिन साहू, सियाराम यादव, कोमलसिंह नेताम, गीता बंजारे, मोहिनी साहू, असलम खान आदि उपस्थित थे।
यह काम हो रहे प्रभावित
पंचायत सचिवों की हड़ताल पर चले जाने से ग्राम पंचायतों का कामकाज ठप है। पंचायतों में गोबर खरीद, जन्म मृत्यु पंजीयन, विवाह पंजीयन, पेंशन, मनरेगा, राशनकार्ड, राशि आहरण, पा कार्य सहित अन्य कार्य पूरी तरह से ठप है। इसके चलते आम लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
MadhyaBharat
22 March 2023
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