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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान गुरुवार को विपक्ष ने सीएसआर मद में अनियमितता का आरोप लगाते हुए खर्च का हिसाब मांगा। इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी बहस हुई। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने बर्हिगमन कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने पूछा कि सीएसआर मद में कितनी राशि प्राप्त हुई और कितनी खर्च हुई? कितने कार्य सीएसआर मद से स्वीकृत हुए, कितने पूर्ण हुए व कितने अपूर्ण हैं? मंत्री कवासी लखमा के गैरमौजूदगी में मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि राशि का डिटेल दिया हुआ है। अगर कोई उद्योग सीएसआर मद का पैसा नहीं देती तो उनसे देने का अनुरोध किया जाता है। उसपर दबाव नहीं बनाया जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ओडिशा सरकार ने सीएसआर मद के खर्च के लिए नीति बनाई है? यहां क्यों नीति नहीं है? मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि ओडिशा की नीति की जानकारी मंगाकर उस पर विचार किया जाएगा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि जिसने सीएसआर मद में पैसा नहीं दिया उस पर क्या कार्रवाई हुई।
मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि कंपनी एक्ट के तहत कार्रवाई होती है, बकाया राशि लेने सिर्फ अनुरोध किया जा सकता है। राज्य सरकार को कार्रवाई का अधिकार नहीं है। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सीएसआर की 40 से 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार ले लेती है और ज्यादातर राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि कलेक्टर सीएसआर का पैसा वसूलता है, वो पैसा सरकार को भेजता है और अपनी मर्जी से खर्च करता है। यहां के संसाधनों का उपयोग उद्योग करते हैं। सीएसआर की लूट बंद होनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि मंत्री लिस्ट प्राप्त करें और जानकारी दें कि किस संस्थान से कितनी राशि इस मद में आई।
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