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भोपाल। मध्य प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सोमवार को धरने पर बैठे है। भोपाल में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी ने एएनएम की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में विसंगति से नाराज होकर स्वास्थ्य मंत्री के घर के बाहर धरना दिया और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार से एएनएम की भर्ती परीक्षा के नियमों में अविलंब संशोधन जारी करने की मांग की है।
कमलनाथ ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर सरकार से कहा मध्यप्रदेश सरकार को एएनएम की भर्ती परीक्षा के नियमों में अविलंब संशोधन जारी करना चाहिए। भर्ती परीक्षा का जो विज्ञापन जारी किया है उसके कारण मध्य प्रदेश की 7000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी एएनएम बहनों का भविष्य दांव पर है। वे अपनी न्यायपूर्ण मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी यह वही एएनएम बहने हैं जिन्हें आपने कोरोना योद्धा बताया था। यह संविदा स्वास्थ्य एएनएम बहनें पिछले 10 से 15 वर्ष से मध्य प्रदेश की जन स्वास्थ्य व्यवस्था का अभिन्न अंग है। एक तरफा भर्ती नियमों के कारण इनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।
कमलनाथ ने कहा मेरी, छिंदवाड़ा की एएनएम बहनों से इस संबंध में मुलाकात हुई थी और वे न्यायालय की शरण में गई थी। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर छिंदवाड़ा की एएनएम बहनों को परीक्षा की अनुमति दी गई है। सरकार न्यायालय के इस आदेश को प्रदेश की सभी एएनएम बहनों पर लागू करते हुए भर्ती विज्ञापन में संशोधन करे ताकि सभी एएनएम बहनों को नियमित पदों में परीक्षा देने का मौका मिल सके।
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