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जबलपुर। शहर के चर्चित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने गुरुवार अलसुबह जबलपुर में दबिश देकर पूर्व बिशप पीसी सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई बीते महीने बिशप के जबलपुर स्थित घर और दफ्तर पर छापामार कार्रवाई के दौरान जब्त किए दस्तावेजों से मिले सबूतों के आधार पर की गई है। ईडी ने पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ ईडी ने मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज किया है और टीम उन्हें लेकर भोपाल रवाना हो गई है।
उल्लेखनीय है कि करीब सात महीने पहले बर्खास्त बिशप पीसी सिंह के घर में आठ सितम्बर को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की टीम ने छापा मार कार्रवाई की थी। वहां से एक करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपये नकद, 118 पाउण्ड, 18 हजार 352 यूएस डालर, 80 लाख 72 हजार रुपए कीमत के दो किलो वजनी सोने के जेवरात समेत 17 संपत्तियों के दस्तावेज और 48 बैंक खातों के सम्बंधित दस्तावेज जब्त किए थे। बिशप पीसी सिंह जर्मनी से 11 सितम्बर को वापस भारत लौटा, तो उसे ईओडब्ल्यू की टीम ने नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। जांच के दौरान जहां उसकी पौने आठ करोड़ रुपये की एफडी का खुलासा हुआ, वहीं यह भी पता चला कि वह स्वयं 128 बैंक खाते आपरेट करता था। इसके अलावा 46 खाते उसके परिजनों और संस्थाओं के नाम पर थे।
पीसी सिंह के खिलाफ लगभग 99 मामले हैं, जिनमें उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में धोखाधड़ी के 35 मामले दर्ज हैं। आरोप है कि पीसी सिंह ने 'द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस' में चेयरमैन रहते हुए संस्था की जबलपुर सहित देश के अलग-अलग शहरों में स्थित चर्च की जमीन को खुद के फायदे के लिए बेचा है। यह आरोप भी है कि सोसायटी को मिली विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल खुद के नाम पर जमीन खरीदने में किया। इन्हीं शिकायतों की शुरुआती जांच के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है।
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