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पितरों को जल तर्पण करने महानदी के रूद्रेश्वर घाट में उमड़े लोग
dhamtari, People gathered ,Rudreshwar Ghat

धमतरी। पितरों को जल तर्पण करने महानदी के रूद्रेश्वर घाट में 22 अप्रैल की सुबह से लोगों की भीड़ लगी रही। अक्षय तृतीया पर जल तर्पण से पितर तृप्त होते हैं, ऐसी मान्यता हैंं।

 

पितरों को जल तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म के लिए अक्षय तृतीया को उचित तिथि माना गया है। इस दिन पितरों के निमित्त किए गए कर्म से वे प्रसन्न होते हैं और अपने कुल को आशीर्वाद देते हैं। 22 अप्रैल को सुबह से लोग रूद्री के महानदी में रूद्रेश्वर घाट पहुंच गए थे। नदी में स्नान के बाद परसा का पत्ते में उड़द दाल रखकर लोगों ने अपने-अपने पितरों को जल तर्पण किया। कई लोगों ने जल के साथ तिल से तर्पण किया। महानदी में जल तर्पण करने बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची थी। पं नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए कार्य का फल अक्षय रहता है, इसलिए अक्षय तृतीया पर स्नान के बाद पितरों की पूजा की जाती है। पितरों को जल से तर्पण किया जाता है। कई लोग पितरों के लिए श्राद्ध या पिंडदान भी करते हैं। इससे पितर हमेशा तृप्त और खुश रहते है और अपने कुल को आपको सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं। उनके आशीर्वाद से वंश की वृद्धि होती है। पितृ दोष से मुक्ति के लिए अक्षय तृतीया अच्छा अवसर माना जाता है।

MadhyaBharat 22 April 2023

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