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जगदलपुर। बस्तर संभाग का कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्राकृतिक रूप से जैव विविधताओं के इसकी एक अलग ही पहचान है। इसी कड़ी में हिरण की सबसे खूबसूरत और दुर्लभ प्रजाति चौसिंगा हिरण वन विभाग के द्वारा जंगल में लगाये गये ट्रैप कैमरे में नजर आई है। पूरी दुनिया में, सिर्फ भारत और नेपाल के जंगलों में पाए जाने वाला चौसिंगा हिरण वर्तमान में बहुत कम तादाद में देखने को मिलता है। इस हिरण के चार सींग होने के कारण इसे चौसिंगा कहते हैं। यह सींग केवल नरों में ही पाए जाते हैं। प्राय: दो सींग कानों के बीच में और दो आगे की तरफ माथे में होते हैं। सींगों का पहला जोड़ा जन्म के कुछ माह में ही उग जाते हैं, जबकि दूसरा 10 से 14 माह में उगता है। सभी वयस्क नरों में सींग नहीं होते हैं, खासकर टेट्रासरस क्वाड्रिकारनिस, ‘सबक्वाड्रिकारनिस उपजाति के नरों में ही होते हैं।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में चौसिंगा को वन कर्मचारियों व ग्रामीणों द्वारा पार्क में पहले भी देखा गया था, लेकिन पहली बार यह ट्रैप कैमरे में कैद हुआ है। यह एक छोटा एंटीलोप है, जो सिर्फ भारत और नेपाल के जंगलों में पाया जाता है।
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