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जबलपुर/भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल के केंद्रीय कारागार में बंद प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के अब्दुल रउफ और जमील सहित 19 आरोपितों की जमानत याचिकाएं निरस्त कर दी हैं।
न्यायमूर्ति डीके पालीवाल की एकलपीठ के समक्ष मंगलवार को मामला सुनवाई के लिए लगा था। इस दौरान राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता ब्रह्मदत्त सिंह व शासकीय अधिवक्ता प्रदीप गुप्ता ने जमानत अर्जियों का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़े आवेदकों के विरुद्ध एसटीएफ व एटीएस ने जांच के बाद विगत वर्ष अपराध कायम किया था। इन सभी के विरुद्ध देशद्रोह सहित अन्य धाराओं के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध है। मामले की गंभीरता के मद्दनेजर आवेदन निरस्त किए जाने योग्य हैं।
वहीं आवेदकों की ओर से पक्ष रखने दिल्ली से आए वरिष्ठ अधिवक्ता मुजीबुर्रहमान ने दलील दी कि आरोपितों से आवश्यक पूछताछ रिमांड अवधि में की जा चुकी है। वे काफी समय से न्यायिक अभिरक्षा में हैं। लिहाजा, जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए। इसके विरोध में राज्य की ओर से साफ किया गया कि आवेदकों का जिस संगठन से नाता रहा है, वह देश के लिए खतरनाक पाए जाने के आधार पर प्रतिबंधित किया गया है। उच्च न्यायालय दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत देने से इन्कार कर दिया।
MadhyaBharat
26 April 2023
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