Since: 23-09-2009
इंदौर की रहने वाली 32 साल की महिला जब प्रेग्नेंट थी तब उसके पेट में फाइब्रॉएड यानी गांठ की शिकायत थी। जिससे डॉक्टर ने उसे डिलीवरी के बाद निकालने की सलाह दी।लेकिन बच्ची के जन्म के बाद भी महिला ऑपरेशन कराने से बचती रही और गांठ की वजह से होने वाले दर्द तथा दूसरी तकलीफों को सहती रही।वहीं आज उस महिला की उम्र 34 साल है, और हाल ही में उसकी बच्चेदानी से 6 किलो का फाइब्रॉएड निकाला गया। महिला पहले से ही 7 साल के एक बच्चे की मां है।महिला ने इतने दिनों तक दर्द सहते रहने का कारण बताते हुए कहा कि उसकी दूसरी बेटी छोटी थी जिससे उसे लगता था कि यदि ऑपरेशन करा लिया तो बेटी मां का दूध नहीं पी पाएगी।दूसरी वजह यह था कि इस ऑपरेशन से डॉक्टर यूट्रस यानी बच्चादानी को भी खतरा बता रहे थे। चूंकि उसकी पहले से दो बेटियां थी और उसे बेटे की ख्वाहिश थी इसलिए वो अपना ऑपरेशन टालती रही।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |