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सुकमा। जिले के एसपी सुनील शर्मा ने शनिवार को नक्सलियों के भ्रामक प्रचार का खण्डन करते हुए बताया कि गत 08 मई को भेज्जी थाना के दंतेशपुरम के जंगल में पुलिस के साथ मुठभेड़ में इनामी नक्सली कमांडर मड़काम एर्रा व गोलापल्ली आईओएस सदस्या पोड़ियामी भीमे मारे गये थे। शवों का उच्चतम न्यायालय, एनएचआरसी के गाइडलाइन एवं अन्य संबंधित नियमों का पालन करते हुए जिला अस्पताल सुकमा में मेडिकल ऑफिसर के द्वारा कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पोस्टमॉर्टम किया गया था।
उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए शवों को मड़काम एर्रा के पिता मड़काम कोसा और दंतेशपुरम से आये उनके परिवार जनों को गवाहों की उपस्थिति में सुपुर्दगीनामा के माध्यम से किया गया था। शवों को उनके परिवारजन वाहन के माध्यम से अपने साथ ले गये थे और अपने सांस्कृतिक रीति रिवाजों से उन्होंने अंतिम संस्कार किया। पुलिस ने उनके किसी परिवारजन को गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया था, यह नक्सलियों द्वारा फैलाया जा रहा कोरा झूठ है। स्थानीय युवक-युवतियों को दिग्भ्रमित करके नक्सली संगठन में जबरदस्ती शामिल करना और मारे जाने पर उनके परिवार को कोई सहायता या जवाब नहीं देना पड़े, इसके लिए नक्सली संगठन इस तरह का झूठा प्रचार करते रहते हैं।
MadhyaBharat
13 May 2023
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