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बीजापुर। नक्सलियों की दक्षिण बस्तर एरिया कमेटी ने शनिवार को ताड़मेटला सरपंच व शिक्षादूत की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए पर्चा जारी किया है। जारी पर्चे में दोनों को चुगली नेटवर्क के रूप में काम करते हुए पुलिस की मदद करने का आरोप लगाया है। जारी पर्चे में बताया कि दोनों को पूर्व में कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन दोनों ने पुलिस से मिलकर पैसे के लालच में पुलिस के प्लान के अनुरूप काम कर रहे थे।
गौरतलब है कि माओवादियों ने सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के ताड़मेटला ग्राम पंचायत के उपसरपंच माड़वी गंगा व यहां संचालित प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षादूत कवासी सुक्का की बुधवार को हत्या कर दी गई थी। नक्सलियों ने जारी पर्चे में बताया कि जनअदालत में मार दिए गए उपसरपंच व शिक्षादूत वर्ष 2020 से बुरकापाल कैम्प प्रभारी के संपर्क में रहकर चुगली नेटवर्क के रूप में काम कर रहे थे। जनवरी 2021 में पुलिस को सूचना देकर ताड़मेटला निवासी माड़वी भीमा को निहत्थे पकड़कर निर्मम हत्या कराने के बाद दोनों भाग गए थे। भीमा को फर्जी मुठभेड़ में हत्या करने के बाद दोनों मुखबिरों को 20-20 हजार रुपये पुलिस अधिकारियों ने दिए थे। वहीं इस मुठभेड़ का विरोध जताते हुए दोरानापाल लाश लेकर गए रैली प्रदर्शन को भटकाने की इनके द्वारा कोशिश की गई थी तथा ग्रामीणों को गुमराह कर प्रदर्शन करने से रोका गया था। इसके बाद दोनों को कई बार चेतावनी भी दी गई थी, लेकिन दोनों नहीं सुधरे, जिसके बाद उन्हें जनअदालत लगाकर मौत की सजा दी गई।
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