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बीजापुर। जिले की पुलिस और शासन यह दावा करते थकते नही हैं कि नक्सली कमजोर पड़ गये हैं और उसे काफी पीछे ढकेल दिया गया है। इसके ठीक विपरीत जिले के नक्सल प्रभावित ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों की दहशत बढ़ती जा रही है। नक्सलियों ने दो सीआरपीएफ जवानों के परिवारों को गांव छोड़ने का फरमान जारी कर दिया, जिसके बाद दोनों परिवार के करीब 11 सदस्यों ने गांव छोड़ दिया है। इस घटना से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर सीआरपीएफ जवान के परिवार बीजापुर में सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोगों की स्थिति कैसी होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही में कुटरू इलाके के दरबा गांव के दो परिवार के दो युवकों का चयन सीआरपीएफ में होने के बाद दोनों युवकों को ट्रेनिंग में भेज दिया गया है। इस बीच नक्सलियों ने उनके परिवार के एक सदस्य का अपहरण कर उन्हें अपने साथ ले गए, फिर गांव छोड़ने का तालीबानी फरमान सुना दिया, जिससे डरकर पीड़ित परिवार ने गांव छोड़ दिया है। विदित हो कि इनके पास करीब 08 एकड़ खेती की जमीन, मकान और मवेशी थे, सबको छोड़कर चले गए। नक्सलियों ने दोनों युवकों के सीआरपीएफ में भर्ती होने का विरोध किया, इसके साथ ही उन्हें इस गांव में खेती किसानी नहीं करने की हिदायत देते हुए नक्सलियों ने कहा कि आपके भाई सीआरपीएफ में भर्ती हुए हैं, इसलिए आप लोग यहां नहीं रह सकते, अगर आप लोग यहां रहेंगे तो आप लोगों को मार दिया जाएगा। आप लोग गांव छोड़ दीजिए, इस गांव में आपको नहीं आना है।
बीजापुर एसडीओपी पुलिस विकास ने बताया कि इस घटना की जानकारी मीडिया के माध्यम से हुई है, थाने में किसी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है। हमने सीआरपीएफ जवानों के पीड़ित परिवार को पुलिस कैंप के आस-पास रहने की सलाह दी है, लेकिन जवानों के पीड़ित परिवार वालों ने अपने परिजन के यहां दंतेवाड़ा जाने का फैसला लिया है।
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