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जगदलपुर। बस्तर संभाग के ग्रामीण इलाकों में धर्मांतरण का मुद्दा इस कदर अपनी मजबूत पकड़ बना चुका है। वहीं बस्तर के ग्रामीण अब इसे बर्दाश्त करने के लिए तैयार नही हैं।
ग्रामीण इलाके में किसी भी धर्मांतरित इसाई की मौत होने पर गांव में शव को दफन करने नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए बकायदा ग्राम सभा में प्रस्ताव तक पारित किया जाने लगा है। बस्तर में इन दिनों धर्म विशेष के लोगों की मौत के बाद उनके शव को दफन करने के स्थान को लेकर लगातार विवाद चल रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को शहर सीमा से सटे ग्राम जाटम में इसाई धर्म की महिला की मौत के बाद उसके शव को दफन करने के लिए विवाद की स्थिति बनीं, हालांकि सही समय पर पुलिस के मौके पर पहुंच जाने से किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति नहीं बनी।
एसडीओपी एश्वर्य चंद्राकर ने बताया कि गांव में धर्म विशेष की एक महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद उसका शव जगदलपुर के करकापाल स्थित कब्रिस्तान में दफन करवाया गया है। उन्होंने बताया कि महिला की मौत के बाद गांव वालों ने निर्णय लिया था कि महिला का शव गांव में नहीं दफनाने दिया जाएगा और उसके शव को जगदलपुर के कब्रिस्तान में दफनाया जाए। इसी बात को लेकर गांव में माहौल तनावपूर्ण होने की आंशका थी। हालांकि मौके पर पुलिस अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे और दोनों पक्षों के लोगों से बातचीत के जरिए मामले को सुलझा लिया गया है। उन्होंने बताया कि धर्म विशेष के लोग महिला के शव को गांव से बाहर के कब्रिस्तान में दफनाने को तैयार हो गए, इसके बाद विवाद खत्म हो गया है। फिलहाल गांव में शांति है और किसी प्रकार का कोई बल गांव में तैनात नहीं है।
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