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जगदलपुर। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जवान लाल आतंक से डटकर लोहा ले रहे हैं, इसमें महिला फाइटर्स भी कंधे से कंधा मिलाकर नक्सलियों के मांद में घुसकर नक्सलियों के छक्के छुड़ा रही हैं। बस्तर के जंगल में रात-दिन परिवार से दूर अपना जीवन बिताने वाले जवान जंगल को ही अपना घर मानते है, और सभी त्योहारों को भी जंगल में ही मानते हैं।
इन दिनों सोशल मीडिया पर परिवार से दूर घने जंगलों के बीच तैनात बस्तर के नव पदस्थ महिला बस्तर फाइटर्स का एक डांस वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि जंगल के बीचों-बीच महिला फाइटर्स आदिवासी लोक गीत पर पारंपरिक नृत्य कर रहीं हैं। वीडियो किस जिले का है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन लोग वीडियो को खूब पसंद कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने दावा किया है कि यह वीडियो पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का है। इसलिए इस वायरल वीडियो की पुष्टि हम नहीं करते हैं।
इन दिनों बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन मानसून चलाया जा रहा है। पुरुष जवानों के साथ-साथ महिला फाइटर्स की टीम भी सर्चिंग के लिए निकल रही हैं। इस वीडियो को लेकर दो अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि, विश्व आदिवासी दिवस के दिन बस्तर के जंगलों में महिला फाइटर्स सर्चिंग पर निकली हुई थी। उन्होंने रात भी जंगलों में ही बिताई, आदिवासी दिवस के दिन क्षेत्रीय बोली हल्बी गाने में जमकर थिरकने लगीं। उसी समय कुछ महिला कमांडोज ने यह वीडियो बना लिया। करीब 30 सेकंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला फाइटर्स की दो टोली बनाई हुई हैं। आमने-सामने फेस कर एक-दूसरे के कमर पर हाथ रखकर बस्तरिया नृत्य कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि बस्तर डीआरजी के साथ-साथ महिला डीआरजी का भी गठन हो चुका है। इनमें महिला डीआरजी की टीम भी पुरुषों के साथ जंगल में सर्चिंग के लिए जाती हैं, कई मुठभेड़ों में भी शामिल रहती हैं। महिला डीआरजी को नक्सल उन्मूलन अभियान में साथ लेकर जाने का एक बड़ा लाभ यह हो रहा है कि पहले डीआरजी के पुरुष जवानों पर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगता था। लेकिन जब से महिला डीआरजी की टीम तैनात हुई हैं, तब से ऐसे आरोप लगने बंद हो गए हैं।
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