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रायगढ़। सरकार की ओर से कोई समाधान नहीं निकलने के कारण किरोड़ीमल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के आंदोलनरत शिक्षक अब उपवास रखने का निर्णय लिया है।
विगत 16 महीनों से वेतन नहीं मिलने के बावजूद किरोड़ीमल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआईटी) में प्रवेश से लेकर कक्षाएं लगाने तक सारे काम कर रहे कर्मचारियों का धैर्य जवाब दे गया। 25 जुलाई से पांच मुख्य मांगों को लेकर सारे स्टॉफ हड़ताल पर बैठे हुए हैं। जिले के एकमात्र अर्धसरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज का बुरा हाल है। पूरी सीटों पर एडमिशन भी नहीं हो रहे हैं क्योंकि कॉलेज में तीन सालों से अस्थिरता का माहौल है।
आंदोलनकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री और विधायक से भी मुलाकात की लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया। अनिश्चितकालीन हड़ताल अब भी जारी है। अब कॉलेज के सरकारीकरण की मांग कर रहे कर्मचारियों ने अब सरकार को जगाने के लिए नए तरह से आंदोलन करने का निर्णय लिया है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर केआईटी जैसे शिक्षण संस्थान में सभी कर्मचारी उपवास पर रहेंगे। इसकी सूचना कलेक्टर और निदेशक केआईटी को दी गई है।
एक संस्थान को संवार नहीं पाया रायगढ़
केआईटी में जिले के वे छात्र-छात्राएं प्रवेश लेते हैं जो दूसरे बड़े कॉलेजों की फीस नहीं दे सकते। औद्योगिक जिले में केआईटी का ठीक से संचालित होना यहीं के युवाओं के हित में है, लेकिन वेतन और दूसरी समस्याओं के लिए सरकार की ओर टकटकी लगाए देखने को मजबूर हैं।
केआईटी को पूर्व में करोड़ों रुपये दिए गए हैं। संसाधन विकास के लिए मिली राशि का उपयोग कहां, कैसे किया गया, यह भी बड़ा सवाल है। नवीन भवन निर्माण में भी भ्रष्टाचार की शिकायत हुई थी। छात्रावास निर्माण में भी गड़बड़ी का मामला उठा था। केआईटी को नुकसान पहुंचाने में पूर्व के प्राचार्यों का भी हाथ है।
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