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बीजापुर। बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में एक संगठन मूलवासी बचाओ मंच बना है। यह मंच पिछले तीन वर्ष से सारकेगुड़ा, एड्समेटा और सिलगेर गोलीकांड के विरोध में आंदोलनरत है। मूलवासी बचाओ मंच को अब तक माना जाता रहा कि नक्सलियों के इशारे पर इसे बनाया गया है। लेकिन आज बुधवार को मूलवासी बचाओ मंच की ओर से जारी किए गए पर्चे तर्रेम-जगरगुंडा मार्ग पर सिलगेर के पास मिले हैं। पेड़ों पर चस्पा इन पर्चों में नक्सलियों के पीएलजीए दस्ते को चेतावनी दी गई है। पर्चों में नक्सलियों पर अपहरण के बाद कोरसा कोसा व अन्य की हत्या का आरोप लगाया गया है।
वहीं दूसरी ओर मूलवासी बचाओ मंच सिलगेर के अध्यक्ष रघु मोडियम के अनुसार उनका संगठन कोरसा कोसा की हत्या की निंदा करता है। लेकिन वे इस बात से इनकार कर रहे हैं कि उनके संगठन ने नक्सलियों के खिलाफ कोई पर्चा जारी किया है। रघु मोडियम का कहना है कि उन्हें लगता है कि यह पुलिस की कोई नई साजिश है।
उल्लेखनीय है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब मूलवासी बचाओ मंच ने नक्सलियों के खिलाफ पर्चा जारी किया है। नक्सलियों की तर्ज पर मूलवासी बचाओ मंच के नाम से जारी पर्चों में पीएलजीए दस्ते पर सिलगेर निवासी मासूम आदिवासी युवक कोरसा कोसा की हत्या करने का आरोप लगाकर अंचल वासियों से कहा गया है कि, पीएलजीए के गुंडों का बढ-चढ कर विरोध करें। पर्चों में यह भी लिखा गया है कि 1 सितंबर को अपहरण के बाद कोरसा कोसा की हत्या नक्सलियों ने की है। मूलवासी बचाओ मंच ने मासूम आदिवासियों पर झूठे इल्जाम लगाकर उनकी हत्या करने का भी नक्सलियों पर आरोप लगाया गया है।
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