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बैतूल। छतरपुर जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश जारी कर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि द्वेषपूर्ण भावना से मेरा नामांकन खारिज किया जाता है या मेरा इस्तीफा अस्वीकार कर चुनाव लड़ने से रोका जाता है तो अपने अधिकारों से वंचित रहकर जीवित रहने से बेहतर वे आमरण अनशन कर अपने प्राण त्यागना पसंद करेंगी।
निशा बांगरे ने वीडियो संदेश में यह भी बताया कि किस तरीके से उन्हें अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना में जाने से तथा भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने से रोका गया और जब इससे आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दिया तो तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है।
निशा बांगरे ने बताया कि इस्तीफा उन्होंने इसलिए दिया था कि वह अपने घर पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकें। इस्तीफा देने के बाद ही वह कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं। इसके बावजूद शासन द्वारा बैक डेट पर उन्हें नोटिस जारी किए गए। एक महीने तक उनके इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसके बाद जब वह न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण में गईं तो विभागीय जांच शुरू कर उसी जांच का हवाला देकर उनके इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया।
गौरतलब है कि डिप्टी कलेक्टर बांगरे बैतूल जिले के आमला विधानसभा क्षेत्र में पिछले कुछ महीने से अपनी सक्रियता और आमला में सर्वधर्म शांति सम्मेलन के आयोजन को लेकर चर्चा में आ गई थी। शासन ने उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति प्रदान नहीं की, जिसके बाद उन्होंने शासन को अपने पद से इस्तीफा भेज दिया। शासन स्तर से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। इस संबंध में उन्होंने बताया कि मुझे न्यायपालिका और चुनाव आयोग से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है। मैं बैतूल के आमला विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र जमा करूंगी। यदि न्याय नहीं मिला तो आमरण अनशन करूंगी।
MadhyaBharat
22 September 2023
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