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भोपाल। भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा वन्य-प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से मध्य प्रदेश के वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में विभिन्न क्षेत्रों को अधिसूचित किया गया है। यह जानकारी शुक्रवार को जनसम्पर्क अधिकारी दुर्गेश रायकवार ने दी।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा केन-बेतवा लिंक परियोजना की प्रदाय की गई स्वीकृति में अधिरोपित की गई शर्त के पालन में जिला सागर, दमोह एवं नरसिंहपुर में पूर्व से अधिसूचित नौरादेही को वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य के क्षेत्र को सम्मिलित किया है।
उन्होंने बताया कि वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य मध्यप्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व है। टाइगर रिजर्व का 1414.00 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कोर क्षेत्र तथा 925.120 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को बफर क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया है। अधिसूचित बफर क्षेत्र में नौरादेही एवं वीरांगना दुर्गावती अभयारण्यों का पूर्व से अधिसूचित ईको सेंसेटिव जोन एवं आस-पास के वनक्षेत्र को शामिल किया गया है।
देश में प्रथम स्थान पर मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट, तेन्दुआ स्टेट, चीता स्टेट के साथ-साथ घड़ियाल स्टेट भी है। टाइगर रिजर्व में अन्य कोई नया राजस्व क्षेत्र शामिल नहीं किये जाने के कारण टाइगर रिजर्व के आस-पास के स्थानीय लोगों पर कोई अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लागू किये जाएंगे। टाइगर रिजर्व में पूर्व से ही अधिसूचित अभयारण्य क्षेत्र अथवा ईको सेंसेटिव क्षेत्र को शामिल किया गया है।
मध्यप्रदेश का यह सातवां टाइगर रिजर्व वन्य-प्राणियों के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन की दृष्टि से वन्य-प्राणियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस टाइगर रिजर्व की स्थापना से इन वनों से प्राप्त होने वाली पारिस्थितिकीय सेवाओं (Eco-system Services) की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जो वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों के लिए पारिस्थितिकीय सुरक्षा प्रदान करेगी।
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