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कोरबा/ जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ में जांजगीर-चांपा जिले के नगर पंचायत खरौद के गोठान में भूख प्यास से तड़पकर एक साथ 29 मवेशियों की मौत हो गई। सभी मृत गोवंश को गोठान के पीछे खुले जगह में फेंक दिया गया है। इससे उठ रही दुर्गंध के कारण स्थानीय लोगों का सांस लेना कठिन हो रहा है।
ना चारा-पानी ना शेड की व्यवस्था
बताया जा रहा है कि, नगर पंचायत खरौद के देवरी मोड़ स्थित आईटीआई के पीछे संचालित गोठान में ‘गोठान योजना’ के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। यहां गोवंश के लिए ना चारा है, ना पानी है और ना ही बिजली और शेड की व्यवस्था है। फिर भी गोठान में क्षमता से कई गुना अधिक गोवंश लाकर डाला जा रहा है। चिलचिलाती धूप हो या झमाझम बारिश हो गोवंश खुले में बंधक बने रहते हैं। चारा के नाम पर एक तिनका भी गोठान में नहीं हैं और न ही गोवंश को बाहर चराने के लिए चरवाहे की व्यवस्था है। गोवंश को पीने के लिए पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। गोठान में अभी 2 सौ से अधिक गोवंश हैं। चारा पानी नहीं मिलने से गोवंश के शरीर पूरी तरह सूख गए हैं। इनमें गोवंश के कई छोटे-छोटे बछड़े भी शामिल हैं।
हर रोज एक-दो गाय की हो रही मौत
ग्रामवासियों का कहना है कि भूख प्यास से तड़प-तड़प कर एक-दो गोवंश की मौत तो प्रतिदिन हो रही है, लेकिन एक दिन पहले एक साथ 29 गोवंश की मौत हो गई। सभी मृत गोवंश को जेसीबी से ले जाकर गोठान के पीछे खुली जगह पर फेंक दिया है। इससे आसपास के लोगों का बदबू से बुरा हाल है। साथ ही गम्भीर बीमारी फैलने की आशंका भी बनी हुई है। खास बात यह है कि इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी अब तक कोई भी जिम्मेदार गोठान की ओर झांकने तक नहीं पहुंचा है।
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