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भोपाल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शहरों और नागरिकों की जरूरत का आंकलन कर विकास का रोडमेप तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर चिंता जाहिर करते हुए स्मार्ट शहरों में किये जा रहे कार्यों को सकारात्मक पहल बताया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में और टिकाऊ विकास पर और अधिक काम किये जाने की जरूरत है। शहरी विकास में समग्र निवेश पिछले दशकों में दोगुना से अधिक हुआ है। स्मार्ट सिटी मिशन का इसमें बड़ा योगदान है।
राष्ट्रपति मुर्मू बुधवार को इंदौर में इंडिया स्मार्ट सिटी कान्क्लेव-2023 को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने समारोह में आईसी अवार्ड सेरेमनी में विजेता शहरों और राज्यों को पुरस्कार वितरित किए। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि इन्दौर ने भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में अपना स्थान बनाए रखा है। इंदौर देश की स्मार्ट सिटीज में भी सबसे ऊपर है। उन्होंने इंदौर के निवासियों, जन-प्रतिनिधियों, प्रशासन के अधिकारियों, केन्द्र सरकार के सम्बद्ध विभागों तथा अन्य सभी स्टेकहोल्डर्स की सराहना की। उन्होंने इंडिया स्मार्ट सिटीस अवार्ड कॉन्टेस्ट 2022 में मध्यप्रदेश द्वारा बेस्ट स्टेट का गौरव प्राप्त करने पर राज्य के सभी निवासियों, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनकी पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने राज्य के सभी स्मार्ट शहरों में किए जा रहे कार्यों से जुड़े लोगों की सराहना भी की। साथ ही सर्वश्रेष्ठ केन्द्र शासित प्रदेश का पुरस्कार प्राप्त करने के लिए चंडीगढ़ और राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर दूसरा स्थान प्राप्त करने के लिए तमिलनाडु तथा संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए राजस्थान और उत्तर प्रदेश को भी बधाई दी।
राष्ट्रपति ने अलग श्रेणियों में 66 पुरस्कार विजेता स्मार्ट शहरों और राज्यों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत की शहरी आबादी, लगभग 46 करोड़ से बढ़कर 87 करोड़ से अधिक हो जाएगी। तब हमारे 50 प्रतिशत से अधिक देशवासी शहरी क्षेत्रों में रहेंगे। भारत के शहर आज देश की जीडीपी में लगभग दो-तिहाई योगदान करते हैं। अनुमान है कि शहरों का जीडीपी को कुल योगदान वर्ष 2047 तक 80 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा। इन आंकड़ों से यह संदेश मिलता है कि शहरों और नगरवासियों की बढ़ती आकांक्षाओं और जरूरतों को ध्यान में रखकर भविष्य का रोडमेप तैयार करना है और उस पर आगे बढ़ना है। एक महत्वपूर्ण मुद्दा, जो प्रत्येक विषय पर तथा हर स्तर पर सतत विकास की चर्चा में शामिल है- वह है क्लाईमेट चेंज, इस संदर्भ में क्लाईमेट स्मार्ट सिटीस असेसमेंट फ्रेमवर्क जो भारत के 100 स्मार्ट शहरों के लिए शुरू किया गया था, वह इस बात का उदाहरण है कि शहरों में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय स्तर पर कैसे कार्य किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि शहरों में एनर्जी एफीसियेंशी के लिए ग्रीन बिल्डिंग्स तथा रिन्यूएबल एनर्जी पर जोर दिया जा रहा है लेकिन इन क्षेत्रो में और अधिक व्यापक स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ना है। एसडीजी 11 का लक्ष्य है- मेक सिटीज एण्ड हृयूमन सेटेलमेंट इन्क्लूसिव, सेफ, रिसाईलेंट एण्ड सस्टेनेबल- यह लक्ष्य शहरों के सम्पूर्ण और समावेशी विकास के महत्व को रेखांकित करता है।
राष्ट्रपति ने प्रसन्नता जाहिर की कि शहरी विकास में देश का समग्र निवेश पिछले दशक के दौरान, पहले की तुलना में 10 गुना से भी अधिक हो गया है। बेस्ट प्रेक्टिसेस को लागू करने और टिकाऊ बिजनेस मॉडल्स विकसित करने में स्मार्ट सिटीस मिशन का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। हाल ही में भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया है। अर्बन-20, जी-20 का एक सब ग्रुप था। अर्बन-20 ने शहरों के बीच जुड़ाव की एक स्थायी प्रथा स्थापित करने का प्रयास किया है। इसके माध्यम से एक सामूहिक संदेश भी दिया गया कि सतत विकास की प्राथमिकता को आगे बढ़ाने में शहरों के प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए विश्व के बेस्ट मेनेज्ड शहरों की बेस्ट प्रेक्टिसेस, उनके बिजनेस मॉडल्स से हमें सीखना चाहिए और अपने सफल प्रयासों को भी अन्य देशों के साथ साझा करना चाहिए। लोकल और ग्लोबल स्तर पर सहयोग करना समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि सीसीटीवी सर्विलैंस कैमरे आज कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में मदद कर रहे हैं। इन 100 स्मार्ट सिटीज में किए जा रहे प्रयास हमारे 4800 से अधिक कस्बों और शहरों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे। पूरे देश में सुरक्षित, स्वच्छ, स्वस्थ नेबरहुड को विकसित करना है। कई स्मार्ट शहरों में ऐसा किया जा रहा है। इसके लिए आवश्यक है कि लोग खुद जिम्मेदार बनें और अपने शहर तथा निवासियों के प्रति अपने कर्तव्य को समझें।
राष्ट्रपति ने कहा कि इंदौर, सूरत, कोहिमा, श्रीनगर और कई अन्य शहरों ने जन-भागीदारी द्वारा सुव्यवस्थित शहरीकरण के सफल उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। प्रसन्नता की बात है कि वाराणसी, गुवाहाटी, अहमदाबाद जैसी स्मार्ट शहरों में लैण्ड रिक्लेमेशन किया जा रहा है। उन्होंने सुझाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरों की तरह स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षण संस्थान तथा बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। ऐसा करने से शहरों पर दबाव कम होगा और ग्रामीण क्षेत्र की जनता का जीवन भी बेहतर होगा। देश के विभिन्न शहरों से इस कार्यक्रम के साथ जुड़े मेयर्स एण्ड म्युनिसिपल कमिश्नर्स से उन्होंने आग्रह किया कि आप सब लोग निरंतर नए विश्वास और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़े। इस कान्क्लेव में साझा किए गए सफल प्रयासों की जानकारी का उपयोग आप सब अपने-अपने शहरों में करेंगे। ऐसा करके आप सब इस आयोजन को और अधिक सार्थक बनाएंगे।
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