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रीवा। शहर के ढेकहा तिराहे पर बुधवार को श्रमिकों पर हमले के विरोध में जमकर हंगामा हुआ। गुस्साए श्रमिक सड़क पर आ गए और जाम लगा दिया। वाहन में भी आग लगा दी। जानकारी होते ही मौके पर पुलिस मौके पर पहुंची, जहां पहले घायल श्रमिक को हॉस्पिटल भिजवाने एवं जाम खोलने के लिए कहा, लेकिन श्रमिकों ने एक भी नहीं सुनी। श्रमक बीच सड़क पर घायल को लेटाकर चकाजाम किए हुए थे। पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो बदले में श्रमिकों और पथराव कर दिया। इससे कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। करीब ढाई घंटे रीवा में तनाव के हालात रहे।
जानकारी के अनुसार, बुधवार सुबह 10 बजे सिविल लाइन थाना इलाके में आस्था मेडिकल स्टोर के सिक्योरिटी गार्ड से मजदूर की झड़प हुई। अफवाह फैली कि मजदूर की चाकू मारकर हत्या कर दी गई, जबकि पुलिस का कहना है कि गार्ड ने चाबी के छल्ले से मजदूर को मारा था। अफवाह पर 500 से ज्यादा मजदूर ढेकहा चौराहे पर जमा हो गए। उन्होंने मेडिकल स्टोर के मालिक की कार जला दी। स्टोर पर पथराव किया। कुछ दूसरी दुकानों में भी तोड़फोड़ की। मजदूरों ने ढेकहा चौराहे पर चक्काजाम कर दिया। सिविल लाइन थाने से पुलिस पहुंची, लेकिन मजदूरों की संख्या बहुत ज्यादा थी। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा, लेकिन कुछ मजदूरों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। लाठी से भी हमला किया। झड़प में समान थाने थाना प्रभारी जेपी पटेल, कोतवाली थाना प्रभारी रूपलाल उईके समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कुछ मजदूरों को भी चोट पहुंची है। बाद में मौके पर आसपास के थानों से भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने मोर्चा संभाला। तब जाकर स्थिति पर काबू पाया जा सका।
आस्था मेडिकल स्टोर के मालिक प्रकाश मिश्रा ने बताया कि उनकी शॉप के सामने बड़ी संख्या में मजदूर जमा होते हैं। इनमें से आधे नशे में रहते हैं। गांजा और शराब पीकर झगड़ते हैं। आज भी दो मजदूर आपस में झगड़ रहे थे। गार्ड ने रोका तो उस पर हमला बोल दिया। हम पहुंचे तो पथराव करने लगे। कार जला दी। प्रशासन से अनुरोध है कि मजदूरों के लिए कोई जगह तय की जाए।वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता ब्रजेंद्र गौतम ने बताया कि मजदूर काफी आक्रोशित थे। स्थानीय लोगों ने साहस नहीं किया होता तो पूरे इलाके में आग फैल गई होती। प्रशासन की नाकामी है। डेढ़ घंटे तक तो कोई सीनियर अधिकारी नहीं आया। दो से ढाई घंटे हंगामा चला है। क्षेत्रीय पार्षद संजय सिंह ने बताया कि सिक्योरिटी गार्ड ने अपना बचाव किया, तभी चाबी का गुच्छा मजदूर के सिर में लग गया। मजदूरों ने अफवाह फैला दी कि चाकू मारा गया। मजदूर नशे में रहते हैं। पुलिस से भी लड़ने को तैयार हो जाते हैं।
रीवा के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि ढेकहा चौराहे पर हर सुबह मजदूर जमा होते हैं। बुधवार को भी यहां 250 से 300 मजदूर थे। उनका सिक्योरिटी गार्ड के साथ विवाद हुआ। इसके बाद मजदूरों की संख्या बढ़कर 400 से 500 हो गई। उन्होंने पथराव किया। दुकानों को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। कार जला दी। पुलिस के साथ भी मारपीट की। स्थिति अब कंट्रोल में है। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
MadhyaBharat
18 October 2023
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