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आज देवउठनी एकादशी पर्व
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रायपुर। हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इस साल देवउठनी एकादशी का पर्व आज गुरुवार 23 नवंबर को मनाया जा रहा है। इसके लिए गन्ने से घरों में मंडप बनाया जाता है। राजधानी में इस बार गन्ना 80 रुपये से लेकर 120 रुपये जोड़ी तक मिल रहा है।

देवउठनी एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी या देव उत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं, इसलिए इस दिन इनकी विशेष पूजा की जाती है।यह एकादशी भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए बेहद उत्तम मानी जाती है। इस दिन जो भी भक्त भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ के अलावा कुछ विशेष उपाय करता है, उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही धन लाभ के भी योग बनने लगते हैं।

 

देवउठनी एकादशी व्रत कथा

 

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक राजा के राज्य में सभी लोग एकादशी का व्रत रखा करते थे. यहां तक कि राज्य के पशु भी इस दिन अन्न ग्रहण नहीं किया करते थे. तभी उस राज्य में एक दूसरे राज्य से एक व्यक्ति आया. उसने कहा हे राजन! मुझे काम की आवश्यकता है और अगर आप मुझे नौकरी पर रख लें तो आपका बहुत आभार होगा।

राजा ने कहा ठीक है, मैं तुम्हें नौकरी जरूर दूंगा, लेकिन एक शर्त माननी होगी. शर्त यह है कि इस राज्य में सभी एकादशी का व्रत करते हैं और इस व्रत को रखना अनिवार्य है, जिसका तुम्हें भी पालन करना होगा। इस दिन तुम अन्न ग्रहण नहीं कर सकते। व्यक्ति ने कहा कि मुझे आपकी शर्त मंजूर है।

कुछ दिनों बाद एकादशी आई और राज्य के सभी लोगों के साथ उस व्यक्ति ने भी एकादशी का व्रत किया. लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजरता गया, उस व्यक्ति को तेज भूख लग रही थी और वह राजा के पास पहुंचा. उसने राजा से कहा कि हे राजन सिर्फ फल से मेरा पेट नहीं भर रहा है और मैं अन्न खाना चाहता हूं, अन्यथा मैं मर जाऊंगा।

यह सुनकर राजा ने उसे अन्न दे दिया। वह नित्य की तरह नदी पर पहुंंचा और स्नान कर भोजन पकाने लगा। जब भोजन बन गया तो वह भगवान को बुलाने लगा- आओ भगवान! भोजन तैयार है। बुलाने पर पीताम्बर धारण किए भगवान चतुर्भुज रूप में आ पहुंंचे तथा प्रेम से उसके साथ भोजन करने लगे। भोजनादि करके भगवान अंतर्धान हो गए तथा वह अपने काम पर चला गया।

राजधानी में गन्ने का बाजार सजकर तैयार

रायपुर के संतोषी नगर, गोलबाजार, आजाद चौक, आमापारा, जीई रोड, टिकरापारा, जयस्तंभ चौक, गुढियारी, फाफाडीह, तेलीबांधा जैसे कई जगहों पर गन्ने का बाजार सजकर तैयार है। बाजार में गन्ने के साथ, शकरकंद, बेर, चना भाजी, सिंघाड़ा, गेंदा के फूल, आंवला, जैसे कई पूजा की समान का बाजार लगा है।

MadhyaBharat 23 November 2023

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