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ग्वालियर। शरद ऋतु अब पने मुकान की ओर बढ़ रही है। पिछले तीन दिनों से न्यूनतम तापमान में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। ग्वालियर शहर में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो वर्तमान मौसम में अब तक का सबसे कम है। यानी गुरुवार की रात और शुक्रवार की सुबह सबसे ठंडी रही। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटे के दौरान बादल छा सकते हैं लेकिन बारिश की संभावना कम है, हालांकि अंचल में कहीं-कहीं छींटाकशी हो सकती है।
ग्वालियर में गुजरे 16 नवम्बर से प्रतिदिन मध्य प्रदेश के अन्य जिलों की अपेक्षा न्यूनतम तापमान सबसे कम दर्ज हो रहा है। लगातार नौवें दिन शुक्रवार को भी ग्वालियर प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। स्थानीय मौसम विज्ञानी हुकुम सिंह ने बताया कि अभी कोई मौसम प्रणाली मौजूद नहीं है। उधर उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है और वहां से ठंडी हवाएं आ रही हैं। इसी कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट हो रही है लेकिन अगले 24 घंटे के दौरान यहां के मौसम में परिवर्तन देखने को मिल सकता है। वर्तमान में पाकिस्तान के उत्तरी भाग में मौजूद पश्चिमी विक्षोभ शनिवार को आगे बढ़कर पश्चिमी हिमालय में पहुंचेगा। हालांकि इसका मध्यप्रदेश के दक्षिण-पश्चिम भाग में अधिक प्रभाव दिखेगा जबकि ग्वालियर-चंबल संभाग में बादल छाए रह सकते हैं लेकिन बारिश की उम्मीद कम है। हालांकि कहीं-कहीं छुटपुट बूंदाबांदी से इनकार नहीं किया सकता। इस पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अधिकतम तापमान में गिरावट और न्यूनतम तापमान में वृद्धि हो सकती है। अगले दो से तीन दिन में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव समाप्त होते ही न्यूनतम तापमान में फिर से गिरावट होगी। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की तुलना में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 0.8 डिग्री सेल्सिय वृद्धि के साथ 28.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो औसत से 0.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान 0.3 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो औसत से 0.1 डिग्री सेल्सियस कम है। आज सुबह हवा में नमी 91 और शाम को 69 प्रतिशत दर्ज की गई।
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