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धमतरी। वनांचल में जंगल में विचरण कर रहे 35 हाथियों से अब ग्रामीण के साथ ही नक्सली भी दहशत में हैं। नक्सल संवेदनशील क्षेत्र के गांवों में सिकासेर दल के 35 हाथियों ने रातभर चिंघाड़ लगाया। जिससे ग्रामीण तो कांपे ही , लेकिन जंगलों में छिपे नक्सलियों में भी दहशत बढ़ गई है, क्योंकि हाथी सबके लिए खतरनाक है। विधानसभा चुनाव से पहले इसी क्षेत्र में नक्सली पहुंचकर बैनर-पोस्टर चस्पा कर रहे थे।
नगरी ब्लाक के हाथी निगरानी दल में शामिल अधिकारी-कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार 26 नवंबर को सिकासेर दल में शामिल 34 से 35 हाथी दक्षिण साल्हेभाट परिक्षेत्र रिसगांव और सहायक परिक्षेत्र खल्लारी के जंगल में है। यह हाथी 27 नवंबर की रात इस क्षेत्र के जंगल व आसपास के गांवों में जमकर चिंघाड़ते रहे, इससे साल्हेभाट व खल्लारी के ग्रामीण रात में डरते रहे, क्योंकि इन गांवों की आबादी जंगल क्षेत्र से लगे हुए। ऐसे में ग्रामीण रात में हाथियों के चिंघाड़ से डरते रहे, लेकिन हाथियों का झुंड जिस जंगल में घुसे है, वहां नक्सलियों की आवाजाही रहता है। विधानसभा चुनाव में मतदान से पहले खल्लारी व साल्हेभाट क्षेत्र के जंगल मार्गाें में नक्सली बैनर-पोस्टर चस्पा किया गया था। साथ ही इस क्षेत्र में समय-समय पर नक्सलियों की आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में हाथियों के बड़ी संख्या में जंगल में प्रवेश करने से नक्सलियों में दहशत बढ़ गई होगी।
उल्लेखनीय है कि वन विभाग के अधिकारी-कर्मचािरियों ने क्षेत्र के नक्सल संवेदनशील गांव एकावारी, आमझर, मुंहकोट, चमेंदा में मुनादी कराकर ग्रामीणों को हाथियों से बचने अपील की है। रात में जंगल की ओर नहीं जाने कहा है। साथ ही हाथियों के दल दिखाई देने पर वन विभाग को जानकारी देने अपील की है।
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