Since: 23-09-2009
उज्जैन। कार्तिक अगहन मास में निकलने वाली सवारियों की क्रम में सोमवार शाम को विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की कार्तिक अगहन मास की तीसरी सवारी धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान अवंतिकानाथ बाबा महाकाल ने चांदी की पालकी में सवार होकर नगर का भ्रमण किया और अपनी प्रजा का हाल जाना। सवारी में शामिल होकर हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप के दर्शन किए।
सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित सभामंडप में भगवान महाकालेश्वर के चन्द्रमौलेश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा ने किया। इसके बाद शाम चार बजे भगवान चन्द्रमौलेश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। पालकी को मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी (गॉड ऑफ ऑनर) दी गई। बाबा महाकाल की सवारी में सबसे आगे महाकाल मंदिर का ध्वज था। पीछे पुलिस का अश्वरोही दस्ता, पुलिस बैंड सशस्त्र बल की टुकड़ी, शिव प्रिय वाद्य यंत्र झांझ डमरू का मंगल नाद करते भस्म रमैया भक्त मंडल के सदस्य शामिल हुए।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि सवारी मंदिर से अपने निर्धारित मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए शाम छह बजे शिप्रा स्थित रामघाट पहुंची। यहां जीवनदायिनी क्षिप्रा के जल से भगवान चन्द्रमौलेश्वर का अभिषेक किया गया और मां शिप्रा का पूजन किया गया। यहां से सवारी गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।
सवारी में आगे तोपची, कडाबीन, पुलिस बैण्ड घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान चल रहे थे। शाही लाव-लश्कर के बाद भक्तों को रजत पालकी में विराजित भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर रूप के दर्शन हुए। अवंतिकानाथ की एक झलक पाने के लिए सवारी मार्ग पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। अनेक स्थानों पर पालकी का पूजन किया गया। अब आगामी 11 दिसंबर को कार्तिक-अगहन मास की शाही सवारी निकाली जाएगी।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |