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इंदौर। सभी विभागीय अधिकारी फील्ड में पहुँचकर विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की मैदानी हकीकत पता करेंगे। इंदौर शहर को अगले 15 दिनों में बाल भिक्षुक मुक्त शहर बनाया जाएगा। इस सम्बन्ध में कार्यवाही के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दल गठित किए गए हैं। रेस्क्यू किए गए बच्चों को शिक्षा से भी जोड़ा जाएगा। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। रेरा संबंधी बकाया राशि वसूल करने के लिए संपत्ति कुर्क कर उसकी नीलामी की जाएगी।
यह जानकारी सोमवार को यहां कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई समय सीमा (टीएल) प्रकरणों की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर गौरव बेनल, सपना लौवंशी, रोशन राय तथा निशा डामोर सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने सीएम हेल्पलाईन के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी दर्ज प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण सुनिश्चित करें। प्रकरणों के निराकरण में किसी भी तरह की लापरवाही तथा उदासीनता नहीं बरती जाए। लापरवाही तथा उदासीनता बरतने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिए कि रेरा संबंधी बकाया राशि वसूल करने के लिए संबंधितों की संपत्ति कुर्क की जाए। बकायादारों को नोटिस जारी करें। नोटिस के अनुसार समय सीमा में राशि जमा नहीं करने पर संबंधितों की संपत्ति कुर्क कर नीलामी की कार्यवाही की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि शासकीय जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। सभी राजस्व अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर यह सुनिश्चित करें कि किसी भी शासकीय जमीन पर अतिक्रमण नहीं हो पाये। उन्होंने राजस्व अधिकारियों का निर्देश दिए कि राजस्व महाअभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। अधिकारी अपने अधिनस्थ अधिकारियों के कार्यो की प्रगति की प्रतिदिन मॉनीटरिंग करें। हर सप्ताह टीएल की बैठक में इस अभियान की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण किया जाए।
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी फील्ड का लगातार भ्रमण करें। भ्रमण के दौरान वे विकास कार्यों, विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्रगति की मैदानी हकीकत पता कर मौके पर समीक्षा करें। भ्रमण का प्रतिवेदन हर सप्ताह टीएल की बैठक में प्रस्तुत करें। निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर आशीष सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले 15 दिनों में शहर को बाल भिक्षुक मुक्त शहर बनाया जाए। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया ने बताया कि शहर में प्रमुख रूप से 27 चौराहों और 7 बड़े मंदिरों में बाल भिक्षावृत्ति दिखाई देती हैं। इन जगहों पर कार्यवाही के लिए दल बनाए गए हैं। इन दलों द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि भिक्षावृत्ति से मुक्त कराए गए बच्चों के शिक्षण की व्यवस्था भी की जाए। आवश्यक होने पर बच्चों को हॉस्टल में भी रखा जाए। उन्होंने इन्दौर में आगामी 20 फरवरी को आयोजित होने वाले दिव्यांग रोजगार मेले की तैयारियों की भी समीक्षा की।
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