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नर्मदापुरम/उज्जैन। चैत्र माह की अमावस्या जिसे सोमवार को आने के कारण सोमवती अमावस्या भी कहा जा रहा है, पर हजारों श्रद्धालुओं ने नर्मदापुरम में मां नर्मदा में स्नान किया। सोमवार तड़के से ही नर्मदा के सेठानी और दूसरे घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ है। उज्जैन में शिप्रा के तट और बावन कुंड पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान-ध्यान कर पूजन किया।
चैत्र अमावस्या को कुछ क्षेत्रों में भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है। सोमवार को अमावस्या होने से स्नान का महत्व और बढ़ गया है। भूतड़ी अमावस्या पर बड़ी संख्या में तंत्र साधकों ने भी नर्मदा और क्षिप्रा में स्नान-पूजन किया। इटारसी, हरदा, बैतूल और आसपास के शहरों से हजारों लोग पवित्र स्नान के लिए नर्मदापुरम आए। 9 अप्रैल से हिंदू नववर्ष, नए विक्रम संवत, नवरात्रि की शुरुआत होगी। उज्जैन में में भी क्षिप्रा के तट पर बड़ी संख्या में सुबह श्रद्धालुओं ने अमावस्या का स्नान किया।
गौरतलब है कि चैत्र अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। ब्राह्मण और गरीबों को अनाज, बर्तन, कपड़े दान कर भोजन कराया जाता है। नववर्ष, नवरात्रि और घट स्थापना से पहले श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। वहीं, यह भी मान्यता है कि भूतड़ी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान-पूजन करने से प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है।
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